बस 260? आगे आगे देखिए होता है क्या
३० मार्च २०११सचिन के चार कैच छोड़े गए, इसके अलावा भी वह दो बार आउट होते होते बचे. इसकी भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वह 85 रन बनाकर आउट हुए. पाकिस्तानी फील्डिंग अक्सर कमजोर दिख रही थी, लेकिन गेंदबाजों ने उसकी कसर पूरी कर दी.
हालांकि शुरू के दोनों तेज गेंदबाज, उमर गुल और अब्दुल रज्जाक कोई असर नहीं डाल सके. उनकी कमी पूरी कर दी वहाब रियाज ने. 10 ओवरों में 46 रन देकर उन्होंने 5 विकेट लिए. पाकिस्तान की अगर जीत होती है, तो मैन ऑफ द मैच के लिए एक मजबूत उम्मीदवार.
जैसे जैसे भारत के विकेट गिरते गए, पाकिस्तान की फील्डिंग में भी निखार आता गया. यहां तक कि कामरान अकमल भी आज कुछ बेहतर नजर आए, जैसा कि दो स्टंपिंग में देखा गया. वहाब रियाज और यूनुस खान ने कई चौकों को एक में बदला और भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में बनाए रखा.
पाकिस्तान के तीन स्पिनरों, सईद अजमल, शाहिद अफरीदी और मोहम्मद हफीज ने पूरे 30 ओवर फेंके और उन्होंने 123 रन दिए. उन्हें तीन विकेट भी मिले. भारत के बल्लेबाज स्पिन खेलने के आदी हैं, लेकिन पिच स्पिनरों की मदद कर रही थी. धोनी को अश्विन की जगह नेहरा को लेने के फैसले पर अफसोस करना पड़ सकता है.
पाकिस्तानी टीम की रणनीति थी भारत की पारी 260 तक सीमित रखना और इतने ही रन भारत के बन पाए. लेकिन रियाज और पाकिस्तानी स्पिनरों ने मैच को जहां पहुंचा दिया था, अंततः भारतीय कप्तान धोनी के लिए 260 का आंकड़ा ढाड़स दिलाने वाला ही होगा. वैसे काफी अरसे के बाद तीसरे पावर प्ले में भारत की बैटिंग चमकी. देखना पड़ेगा कि भारत के गेंदबाज, और खासकर भारत के फील्डर कड़ी चुनौती का सामना कर पाते हैं या नहीं. गेंद टर्न कर रही है, लेकिन पिच में कोई शैतान नहीं छिपा है. वैसे, जिस पिच पर भारत के बल्लेबाज नहीं जम पाए, क्या पाकिस्तान के बल्लेबाज चमक पाएंगे? कुछ मिनटों में इसका रहस्य खुलना शुरू हो जाएगा. लगता है, नतीजा आखिरी ओवर तक जाएगा.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: वी कुमार