मारन के साथ नहीं जमतीः रतन टाटा
५ अप्रैल २०११कॉर्पोरेट दलाल नीरा राडिया के लीक हुए टेलीफोन टेप के बाद उठे विवादों पर संसद की लोक लेखा समिति के सामने रतन टाटा पेश हुए. समिति 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही है और उसने रतन टाटा को इस सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था. समिति के पूछे सवालों के जवाब में रतन टाटा ने कहा कि दयानिधि मारन के साथ उनके अच्छे संबंधों की बात गलत है.
राजा की तारीफ क्यों?
रतन टाटा से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुक के करुणानिधि को लिखे उनके पत्र के बारे में सवाल किए गए. इन पत्रों में कथित रूप से रतन टाटा ने टेलिकॉम मंत्री के पद पर ए राजा को बिठाने के फैसले की तारीफ की थी. उनसे यह भी पूछा गया कि उन्होंने किसी राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बजाय सीधे प्रधानमंत्री के इस बारे में पत्र क्यों नहीं लिखा. यह पूछे जाने पर कि उनका पत्र सबके सामने कैसे आ गया, रतन टाटा ने केवल इतना कहा कि भारती टेलिकॉम के सुनील मित्तल ने पहली बार इस पत्र का जिक्र किया. रतन टाटा ने पत्र लीक करने के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया. उन्होंने कहा कि इस लीक से उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ.
नीरा राडिया ने टरकाया
समिति के सामने नीरा राडिया भी पेश हुईं. जब उनसे इस पत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस पत्र में क्या लिखा था इसके बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि उनके सामने पत्र एक सीलबंद लिफाफे में आया. उन्होंने केवल इस पत्र को टाटा की तरफ से करुणानिधि को सौंपा.
समिति के सदस्यों ने टाटा सन्स के चेयरमैन से यह भी जानना चाहा कि जब 2007 में ए राजा के टेलिकॉम मंत्री के रूप में लिए गए फैसलों की इतनी आलोचना हुई थी तो फिर उन्हें उनकी तारीफ करने की क्यों सूझी. जवाब में रतन टाटा ने कहा कि कोई विवाद नहीं था. सदस्यों ने तब ध्यान दिलाया कि यह पत्र 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए आवेदन पाने की आखिरी तारीख को पहले ले जाने के बाद लिखा गया. इस दौरान टेलिकॉम मंत्रालय, पीएमओ, वित्त मंत्रालय और कैबिनेट सचिवालय के बीच बहस छिड़ी हुई थी और सभी एक दूसरे को पत्र भेज रहे थे.
राजा के पहले टेलिकॉम मंत्री रहे दयानिधि मारन और टाटा के बीच पांच साल पहले सन टीवी के मसले पर जम कर ठनी थी. सन टीवी के मालिक दयानिधि के भाई कलानिधि मारन हैं. कलानिधि मारन ने टाटा की डीटीएच सेवा टाटा स्काई में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार