मुझे आईएसआई ने ट्रेनिंग दीः हेडली
१३ जून २०११हेडली का कहना है कि जासूसी के लिए उसकी सैकड़ों क्लास ली गई. उसे किसी जेम्स बांड की तरह तो ट्रेनिंग नहीं दी गई लेकिन यह जरूर बताया गया कि वह भारत में रहते हुए अपनी पहचान किस तरह छिपा सकता है. हेडली का कहना है कि उसे शुरू में लश्कर ए तैयबा की ओर से ट्रेनिंग दी गई लेकिन आईएसआई का उसका संपर्क मेजर इकबाल इससे संतुष्ट नहीं था और उसे बाद में आईएसआई से बाकायदा ट्रेनिंग मिली.
हेडली का कहना है, "मैं मेजर इकबाल से संपर्क में था और वह मुझे बता रहा था कि लश्कर मेरा किस तरह से इस्तेमाल करना चाहता है. उसने मुझे बताया कि लश्कर मेरा कुछ बेहद अहम मामलों में इस्तेमाल करना चाहता था, जिसमें निशानों की पहचान करना शामिल है." हेडली ने यह बात शिकागो की एक अदालत को बताई.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि उसके पास हेडली का कबूलनामा मौजूद है, जिसके मुताबिक हेडली ने जब मेजर इकबाल को बताया कि उसे लश्कर से क्या ट्रेनिंग मिली है, तो इकबाल ने इस पर असंतोष जताया और कहा कि उसे और ट्रेनिंग की जरूरत है.
जासूसी की ट्रेनिंग
इसके बाद मेजर इकबाल और आईएसआई के कुछ और अधिकारियों ने हेडली को जासूसी की ट्रेनिंग दी. हेडली का कहना है कि मेजर इकबाल उन अधिकारियों को सार्जेंट या नायक कह कर पुकारता था, जिससे पता चला कि वे नॉन कमीशंड अफसर हैं.
हेडली का कहना है कि ट्रेनिंग के दौरान उसे बताया गया कि किस तरह से पहचान छिपानी है और पूछताछ के दौरान भी किस तरह कहानी गढ़नी है. उसे यह भी बताया गया कि किसी को शक हुए बगैर किस तरह चीजों की वीडियो रिकॉर्डिंग करनी है.
हेडली से जब पूछा गया कि उसने कितने दिनों तक ट्रेनिंग ली, तो उसका जवाब था, "अलग अलग वक्त. मैं वहां सैकड़ों बार गया." मेजर इकबाल से संपर्क के बारे में बताते हुए हेडली ने कहा, "मैंने उसे बताया कि मुझे भारत भेजा जा रहा है और मैंने पहले ही अपना नाम बदलने की दरख्वास्त दे रखी है और मेरा नया नाम मुझे जल्द ही मिल जाएगा." उसने बताया कि मेजर इकबाल इस बात से बेहद खुश हुआ कि उसने नाम बदलने की अर्जी दी है और लश्कर से ट्रेनिंग लेने के बाद उसे भारत भेजा जा रहा है. उसने बताया कि लाहौर में बातचीत के बाद वह उनके लिए काम करने पर राजी हो गया, जिसके बाद उसे छोड़ा गया.
आईएसआई भी मिली हुई
सरकारी वकील ने जब उससे पूछा कि उसे क्या लगता है कि आईएसआई का इन संगठनों से कुछ लेना देना है, तो हेडली ने कहा, "मुझे लगता है कि लश्कर और जैश आईएसआई की ही छत्रछाया में काम करते हैं. वे एक दूसरे के साथ तालमेल करते हैं और आईएसआई उन्हें मदद देती है. उन्हें वित्तीय, सैनिक और नैतिक मदद मिलती है." हेडली ने अदालत को मेजर अली के बारे में भी बताया, जो उसके मुताबिक, आईएसआई के खैबर राइफल्स रेजीमेंट से जुड़ा है.
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली ने अदालत को बताया कि इलियास कश्मीरी ने भी आईएसआई के साथ काम किया और वह अल कायदा का एक प्रभावी सदस्य था. उसके मुताबिक वह आईएसआई के बारे में फोन पर कोड वर्ड में बात करता था. इसके लिए एक कोड "मिस्टर बाला कंपनी" था. मुंबई के 26/11 वाले आतंकवादी हमले में शामिल होने की बात कबूल कर चुके हेडली ने बताया कि उसे लाहौर एयरपोर्ट के पास एक घर में ट्रेनिंग दी गई. उसके मुताबिक हमले की प्लानिंग करते वक्त उनके पास कोई तय टारगेट नहीं था और बाद में चीजें पक्की की गईं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ए कुमार