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मोटापे से दूर रखता है मां का दूध

१८ मई २०१२

वैज्ञानिक यह बात सिद्ध कर चुके हैं कि मां का दूध बच्चों को बीमारियों से दूर रखता है. इस से उनका बौद्धिक स्तर बढ़ता है. अब पता चला है कि मां का दूध बच्चों को मोटापे से भी दूर रख सकता है. शोध में कई दिलचस्प बातें सामने आईं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मां का दूध बच्चों के लिए सबसे अच्छा और स्वस्थ आहार है. एक नई रिसर्च में इस पर एक बार फिर रोशनी डाली गई है. रिसर्च के अनुसार जिन बच्चों को पहले साल में केवल मां का दूध दिया जाता है, उन्हें अन्य बच्चों की तुलना में मोटापे का कम खतरा होता है.

यह रिपोर्ट अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने प्रकाशित की है. रिपोर्ट लिखने वाली रूवे ली का कहना है, "अगर बच्चे को मां का दूध पीना हो तो वे इसमें खुद सक्रिय होते हैं, वे खुद इस बात का फैसला करते हैं कि उन्हें कब तक पीना है और कब रुक जाना है."

पश्चिम में कामकाजी महिलाओं के साथ अधिकतर ऐसा देखा जाता है कि वे बच्चों को मां के दूध की आदत नहीं लगाना चाहती. ऐसा इसलिए ताकि जब उन्हें कुछ महीनों की छुट्टी के बाद काम पर लौटना हो तो उन्हें और बच्चों को दिक्कत न हो. इसलिए बच्चों को शुरू से ही बोतल से दूध पीने की आदत लगाई जाती है. कई बार यह फॉर्मूला डिब्बे वाला दूध दिया जाता है. कई बार ब्रेस्ट पम्प की मदद से मां के दूध को ही बोतल से पिलाने की आदत डाली जाती है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ली बताती हैं कि ऐसे मामलों में देखा जाता है कि माता पिता बच्चे से उम्मीद करते हैं कि वह पूरी बोतल खत्म करें. इसी कारण कई बार बच्चे को जितनी भूख हो उस से अधिक दूध पिलाया जाता है. लेकिन अगर मां खुद बच्चे को दूध पिलाए तो बच्चा अपने लिए खुद तय कर सकता है कि उसे कितना दूध पीना है.

ली और उनकी टीम ने अमेरिका के अलग अलग राज्यों में कुल 1,900 बच्चों के आंकड़े जमा किए. इन सभी बच्चों का जन्म 2000 के बाद हुआ. बच्चों के माता पिता को सर्वे भेजे गए. उनसे अलग अलग उम्र में बच्चे के वजन के बारे में पूछा गया. साथ ही यह भी पूछा गया कि बच्चों को दिन में कितनी बार दूध पिलाया जाता था.

सर्वे में पाया गया कि जिन बच्चों को केवल बोतल से दूध पिलाया गया उनका वजन अन्य बच्चों की तुलना में हर महीने 85 ग्राम ज्यादा बढ़ा. ली का इस बारे में कहना है, "इस शोध से सीधा संदेश यह जाता है कि बच्चों के लिए मां का दूध ही सबसे पहला विकल्प होना चाहिए." ली का कहना है कि ऐसा नहीं कि बोतल से दूध पिलाने या फॉर्मूला मिल्क में कुछ गलत है, लेकिन जितना हो सके, उन्हें दूसरे विकल्प के तौर पर ही रखा जाना चाहिए.

अमेरिका की अकैडमी फॉर पीडिएट्रिक्स की सलाह है कि पहले छह महीने तक बच्चों को केवल मां का दूध ही पिलाया जाए और उसके बाद जब अन्य खाने पीने की चीजें शुरू की जाएं तब भी एक साल तक मां का दूध पिलाना बंद न किया जाए.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया/रॉयटर्स

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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