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वर्ल्ड कप कार्यक्रम ऐसा कि भारत को फायदा हो

१० फ़रवरी २०११

वर्ल्ड कप के टूर्नामेंट डायरेक्टर रत्नाकर शेट्टी ने माना कि विश्व कप का कार्यक्रम ऐसे रखा गया है जिससे भारत और अन्य मजबूत टीमों को फायदा पहुंचे और मजबूत टीमें ही अगले दौर में पहुंचे. कई कमजोर टीमों के खिलाफ खेलेगा भारत.

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तस्वीर: AP

शेट्टी ने बताया कि टूर्नामेंट के आयोजक 2007 की तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे जब दुनिया की दो बेहद लोकप्रिय टीमें भारत और पाकिस्तान दूसरे दौर में पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाई थीं. उन्होंने कहा, "अगर मुझसे पूछा जाए कि यह भारत को फायदा पहुंचाने के इरादे से नहीं किया गया तो यह ईमानदार जवाब नहीं होगा. हम जानते हैं कि भारत क्रिकेट जगत की बड़ी वित्तीय ताकत है. भारत और पाकिस्तान का 2007 आईसीसी वर्ल्ड कप से बाहर होना टूर्नामेंट के लिए खराब साबित हुआ. प्रायोजक, ब्रॉडकास्टर, टूर ऑपरेटर और वेस्ट इंडीज बोर्ड को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा."

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तस्वीर: AP

वर्ल्ड कप में भारत को कई कमजोर टीमों के खिलाफ खेलना है जिसमें उसके जीतने की ही उम्मीद है. शेट्टी के मुताबिक इस बार फॉर्मेट ऐसे बदला गया है कि सभी मजबूत टीमों को आगे खेलने का मौका मिले. ईएसपीएनस्टार डॉट कॉम को उन्होंने बताया कि 1996 वाले फॉर्मेट को ही अपना लिया गया है. भारत और इंग्लैंड के बीच कोलकाता में होने वाला मैच बैंगलोर को दे दिए जाने पर शेट्टी ने बताया कि फैसला आईसीसी नियमों के मुताबिक ही लिया गया.

शेट्टी ने कहा, "आईसीसी चार्टर के मुताबिक किसी स्टेडियम को मैच से तीन महीने पहले पूरा होना होता है और यह बात बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन को पता है. इसलिए उनकी जिम्मेदारी थी कि वे आईपीएल के मैच कराते समय वह इस नियम का भी ध्यान रखे. मॉनसून सहित कुछ अन्य वजहों से समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई." लेकिन कोलकाता में ऐन वक्त तक काम खत्म नहीं हो पाया जिसके चलते ईडन गार्डन्स से भारत और इंग्लैंड का मैच छीन लिया गया.

टूर्नामेंट के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के प्रति शेट्टी ने आश्वस्त करने का प्रयास करते हुए कहा, "पिछले दो साल में काफी चीजें बदली हैं. पुलिस ने ऐसा ढांचा विकसित किया है जिससे सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर लगातार नजर रखी जा सकती है. कुछ टीमों पर अन्य टीमों के मुकाबले आतंकी हमले का ज्यादा खतरा है और केंद्र सरकार इस मसले पर ध्यान दे रही है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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