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विदाई दिवस पर काहिरा में लाखों लोग इकट्ठा

४ फ़रवरी २०११

मिस्र की राजधानी काहिरा में लोग जुमे की नमाज के बाद एक बार फिर जमा हो गए हैं. उन्होंने इस दिन को विदाई का दिन कहा है, जो राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक की ओर इशारा है. मुबारक हटने को तैयार हैं पर उन्हें अफरा तफरी का अंदेशा है.

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तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press pixel

मिस्र में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के खिलाफ प्रदर्शन का यह 11वां दिन है और राजधानी काहिरा के अलावा सिकंदरिया, अल आरीश, असवान और स्वेज शहरों में भी उनके खिलाफ प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं.

काहिरा के प्रमुख तहरीर चौक पर लाखों लोग जमा हैं, जो राष्ट्रपति मुबारक के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और हाथों में तख्तियां लेकर ऊंची से ऊंची जगह पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन पर नजर जा सके. कुछ प्रदर्शनकारी गानों की शक्ल में नारे लगा रहे हैं, "गद्दी छोड़ते क्यों नहीं, तुम्हें समझ नहीं आती क्या."

अचानक मिस्र में विपक्ष के नेता बन कर उभरे नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद अल बारादेई का कहना है कि राष्ट्रपति मुबारक को सम्मान के साथ सत्ता छोड़ देनी चाहिए, जबकि मुबारक कह चुके हैं कि वह सत्ता छोड़ने को तैयार हैं लेकिन उन्हें देश में अफरा तफरी फैलने का खतरा है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

पिछले दो दिनों में मुबारक के विरोधियों के साथ मुबारक के समर्थक भी सड़कों पर जमा हो गए और उनमें झड़प के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई. लेकिन जुमे की नमाज के बाद जमा हुई भीड़ अब तक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही है.

मिस्र की सेना ने पहले ही एलान कर रखा है कि वह प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाएगी. लेकिन अप्रिय घटना को रोकने के लिए शुक्रवार को उसकी मौजूदगी बढ़ गई. मध्य काहिरा के तहरीर चौक में लगभग 1000 सैनिक तैनात हैं. तहरीर का मतलब आजादी होता है.

Flash-Galerie Proteste in Kairo am 02.02.2011
तस्वीर: dapd

मिस्र की जनता राजनीतिक और आर्थिक बदलाव की मांग कर रही है और देश को इमरजेंसी से हटाने की चर्चा चल रही है, जिसके तहत पुलिस को व्यापक अधिकार मिले रहते हैं. अरब लीग के महासचिव अम्र मूसा भी विरोधियों का साथ दे रहे हैं. शुक्रवार को जब वह तहरीर चौक पर पहुंचे, तो लोगों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया.

82 साल के राष्ट्रपति मुबारक ने कहा है कि उन्हें अफरा तफरी का खतरा है और इसलिए वह फौरन नहीं हटना चाहते. उनके समर्थन में सैकड़ों लोग सड़कों पर जमा हुए हैं, जो वफादारी दिवस मना रहे हैं. अल बारादेई का कहना है कि अफरा तफरी तो राष्ट्रपति मुबारक के सत्ता में बने रहने से ही फैल रही है.

मिस्र के नवनियुक्त प्रधानमंत्री अहमद शफीक ने लोगों को भरोसा देने की कोशिश की है कि मुबारक तय वक्त के बाद पद पर नहीं रहेंगे. उन्होंने विपक्ष से बातचीत की मेज पर आने की अपील की. मिस्र में इस साल सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं.

मुस्लिम ब्रदरहुड और अल बारादेई सहित विपक्ष कह चुका है कि वह बातचीत को तैयार है लेकिन तब तक नहीं, जब तक मुबारक सत्ता से हट नहीं जाते.

रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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