वॉर्न, विवाद और विदाई
२० मई २०११टेस्ट, वनडे और टी20 में 1,000 से ज्यादा विकेट ले चुके वॉर्न न जिम्मेदार खिलाड़ी कहलाए, न जिम्मेदार पिता और एक सफल पति तो कभी नहीं रहे. शराबखोरी, रंगीले मिजाज और कभी अन्य लोगों से भिड़ने के लिए बदनाम रहे. आईपीएल से विदाई का एलान करने के बाद भी वह बड़े उलझाव में फंसे. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन अधिकारी संजय दीक्षित से उनका झगड़ा हुआ. वॉर्न पर 50,000 डॉलर का जुर्माना ठोंक दिया गया. उनकी अगुवाई में राजस्थान रॉयल्स ने पहला आईपीएल जीता. अब लगातार तीन हार झेलने के बाद वॉर्न आईपीएल से भी विदा होने जा रहे हैं.
क्रिकेट जगत में बिताए 19 सालों को याद करते हुए वह कहते हैं, "आखिरी मैच में सचिन के खिलाफ खेलना खेल छोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त मैच होगा. मैंने जिन खिलाड़ियों के खिलाफ भी खेला है सचिन उनमें सबसे महान हैं. मुझे उम्मीद है कि आखिरी मैच में वह मेरी धुनाई नहीं करेंगे."
गालों और होंठों पर सफेद क्रीम लगाकर मैदान पर उतरने वाले शेन वॉर्न हमेशा विपक्षी टीमों के लिए अशांति की जड़ रहे. वह एक दो कदम चलते और एक ही एक्शन में कई तरह की गेंदें फेंक देते. वॉर्न एक ऐसे वक्त में क्रिकेट में आए जब स्पिन को सिर्फ भारत और पाकिस्तान जैसे देशों से जोड़ा जाता था. 1992 में इसी माहौल के बीच वह पहली बार टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरे, वह भी भारत के खिलाफ.
सिडनी के उस ड्रॉ मैच में वॉर्न एक विकेट ही ले सके. इसके बाद उन्होंने अपने ट्रेनर टेरी जेनर के साथ लंबा वक्त बिताया. टीम में फिर आए और ऐसी गेंद फेंकी की दुनिया दंग रह गई. वॉर्न ने गेंद लेग स्टंप से एकदम बाहर फेंकी लेकिन बॉल 90 डिग्री का कोंण बनाती हुई ऐसी टर्न हुई कि इंग्लैंड के माइक गेटिंग की गिल्लियां ले उड़ी. इसे 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया. अगले दिन अखबारों में छपा, "क्रिकेट जगत में सुपर स्टार का जन्म."
जैसे जैसे सफर आगे बढ़ा वह ऑस्ट्रेलियाई टीम की जान बनते गए. टेस्ट मैचों को चार दिन के भीतर खत्म करना या वनडे के अपने 10 ओवरों में विपक्षी टीम को रुला देना, ये बातें वॉर्न के व्यक्तित्व में शुमार हो गईं. 2007 में वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने.
स्टीव वॉ के संन्यास के बाद वॉर्न को ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी का मौका भी मिला. लेकिन शराबखोरी, खुलेआम सिगरेट पीने और रंगीले मिजाज के चलते ऐन वक्त पर उन्हें गैर जिम्मेदार समझा गया. इंग्लैंड दौरे के दौरान वह अक्सर सेक्स वर्करों के चक्कर में पड़ जाते. टीम मैंनेजमेंट को यह बात नागवार गुजरती. उन्हें कप्तानी के लायक नहीं समझा गया. 2007 में इंग्लैंड को एशेज सीरीज में परास्त करने के बाद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया.
2008 में वह पैसे से लबालब आईपीएल में आए. सफलता ने यहां भी उनके कदम चूमे. उन्होंने साधारण सी दिखने वाली राजस्थान रॉयल्स जैसी टीम का नेतृत्व किया और पहला ही आईपीएल जीत लिया. लेकिन उनकी विरासत का एक आयाम रहे विवाद देर सबेर यहां भी सामने आ गए. आईपीएल-4 खेलने से पहले वह भारतीय कारोबारी अरुण नायर की पत्नी लिज हर्ले के साथ इश्क लड़ाते नजर आए. बाद में दोनों ने खुलकर अपने रिश्ते को जगजाहिर भी कर दिया. लिज वॉर्न के साथ भारत आईं. क्रिकेट का मजा लिया लेकिन अब ताजा विवाद से दोनों का दिल खट्टा हो गया. अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वाला फिरकी का यह जादूगर अब कड़वे अनुभवों के साथ लिज के साथ ऑस्ट्रेलिया लौट रहा है.
रिपोर्टः ओंकार सिंह जनौटी
संपादनः अनवर जे अशरफ