सारकोजी पर ओलांद की ओलावृष्टि
३ मई २०१२ओपीनियन पोल में समाजवादी फ्रांसोआ ओलांद मौजूदा राष्ट्रपति निकोला सारकोजी से छह से दस अंक आगे चल रहे हैं. राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच बुधवार को करीब तीन घंटे बहस चली. फ्रांस के करीब साढ़े चार करोड़ मतदाताओं में से पौने दो करोड़ से अधिक ने इस बहस को देखा. जानकारों का मानना है कि बहस सारकोजी के पक्ष में नहीं रही, बल्कि इसके बाद वोटरों को सारकोजी को न चुनने के अपने फैसले पर पूरा यकीन हो गया होगा. ओलांद की शख्सियत बेहतर रूप से उभर कर सामने आई है.
फ्रांस के अखबार ले मोंद के संपादकफ्रांसोआ फ्रेसो का कहना है, "पहले यह एक ड्रॉ था, लेकिन फिर ओलांद लोगों के पसंदीदा बन कर उभरे और वह अभी भी बने हुए हैं. सारकोजी उन्हें अस्थिर करना चाहते थे. यह शुरू से ही उनका लक्ष्य रहा."
गुरुवार को सारकोजी ने जर्मनी के आरटीएल रेडियो से बात करते हुए कहा, "ओपीनियन पोल झूठ कह रहे हैं. इस से पहले कभी भी चुनाव इतने खुल कर नहीं हुए और इस बहस के बाद तो यह और भी साफ हो गया है." शुक्रवार को चुनाव प्रचार खत्म होना है. सारकोजी ने इस मौका के लाभ उठाते हुए कहा, "मैं मतदाताओं से सीधे बात करना चाहता हूं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अगर वे अपना मत बर्बाद करेंगे तो उस से किसे फायदा मिलेगा. इस से ओलांद और गैरकानूनी अप्रवास को फायदा होगा."
ओलांद का वार
आलोचकों का कहना है कि बुधवार की बहस में सारकोजी एक बॉक्सर जैसे थे, जबकि ओलांद जूडो फाइटर जैसे. ओलांद बहस के दौरान बेहद शांत दिखे और इस शांत स्वभाव के साथ ही उन्होंने सारकोजी पर बड़े वार भी किए. उन्होंने कहा कि सारकोजी वित्तीय संकट का बहाना बना कर अपने वादों को तोड़ते रहे हैं, "आप के साथ तो यह बहुत आसान रहा है, क्योंकि आपकी कभी गलती रही ही नहीं." सारकोजी ने ऐसे में तिलमिला कर ओलांद पर गलत आंकड़े बताने का इल्जाम लगाया.
वित्तीय संकट की बात करते हुए सारकोजी ने कहा कि वह जर्मनी के उदाहरण पर चलना चाहते हैं, न कि स्पेन और ग्रीस के. सारकोजी ने कहा कि यूरोप वित्तीय संकट से बाहर आ चुका है, जिसके जवाब में ओलांद ने कहा कि ऐसा नहीं है, बल्कि पूरे यूरोप की इस चुनाव पर इसीलिए नजर है ताकि वह जान सके कि क्या इस संकट से बाहर निकला जा सकता है.
टीवी पर चल रही बहस के दौरान पेरिस की सड़कें खाली रही. कई लोगों ने रेस्त्रां और कैफे में बैठ बहस देखी. फ्रांस में दूसरे चरण के चुनाव रविवार को होने हैं. इस बार राष्ट्रपति पद के दोनों उमीदवारों की उम्र 57 साल है. सारकोजी अब तक के सबसे अलोकप्रिय राष्ट्रपति हैं जो दोबारा चुनाव में खड़े हुए हैं. वहीं ओलांद ने दावा किया है कि वह न्याय और एकता के राष्ट्रपति बनना चाहते हैं.
आईबी (रॉयटर्स, एपी)