सीरिया के उत्तरी शहर में भारी लड़ाई
१२ जून २०११सरकारी टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, "सेना और हथियारबंद संगठनों के सदस्यों के बीच भारी लड़ाई हो रही है. इन संगठनों के दो लोग अभी तक मारे जा चुके हैं. बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार भी जब्त किए गए हैं."
रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने उनसे मिले बमों और विस्फोटक सामग्री को निष्क्रिय किया है जो शहर की सड़कों और पुलों के नजदीक रखे गए थे. सीरिया ने ज्यादातर विदेशी पत्रकारों को देश में आने की अनुमति नहीं दी है जिससे वहां चल रही घटनाओं की स्वतंत्र पुष्टि संभव नहीं है.
टैंकों के लिए जगह नहीं
राष्ट्रपति बशर अल असद के भाई मेहर के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने जिस्र अल सुगुर में दक्षिण से प्रवेश किया. एक स्थानीय निवासी ने रॉयटर्स को बताया, "उनके पास लगभग 150 टैंक और बख्तरबंद गाड़िया हैं. जिस्र अल सुगुर छोटा सा शहर है. यहां इतने टैंकों और वाहनों को खड़ा करने की जगह भी नहीं है. लगातार बमबारी हो रही है. हमारे ऊपर दो हेलीकॉप्टर उड़ रहे हैं और मशीनगनों के गोलीबारी हो रही है."
जब यह व्यक्ति फोन पर शहर का हाल बयान कर रहा था तो पीछे से बमबारी की आवाजें आ रही थीं. उसने बताया, "ज्यादातर लोग तुर्की की तरफ भाग गए हैं. मैंने सुना है कि सेना के कुछ लोगों ने बगावत कर दी है और वे शहर में ही रह कर इसके सम्मान की खातिर मोर्चा लेंगे. लेकिन वे अब तक शहीद हो गए होंगे."
तुर्की में शरण
सीरियाई सरकार का कहना है कि जिस्र अल सुगुर में हथियारबंद गुटों ने पिछले हफ्ते 120 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया. मानवाधिकार समूह और शरणार्थियों का कहना है कि ये मौतें बागी सैनिकों की हैं जिन्हें खुद सेना ने मारा. 50 हजार की आबादी वाला यह शहर तुर्की की सीमा से 40 किलोमीटर ही दूर है. सरकारी सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बचने के लिए जिस्र अल सुगुर से लगभग पांच हजार लोग पहले ही तुर्की में शरण ले चुके हैं.
अमेरिका ने सीरिया पर मानवीय संकट पैदा करने का आरोप लगाया है. उसने सीरिया से अपने लोगों पर तुरंत कार्रवाई रोकने को कहा है. सीरिया में महीनों से जारी सरकार विरोधी आंदोलन में अब तक सुरक्षा बलों के हाथों 1,300 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति बशर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार