स्वतंत्रता सेनानियों की अपील, ज्यादा न अड़ें हजारे
१२ जून २०११ये स्वतंत्रता सेनानी बाबा रामदेव को एक व्यापारी मानते हैं और काला धन वापस लाने के लिए किए गए सत्याग्रह को बॉलीवुड फिल्म जैसा अजीब करार देते हैं. उन्हें लगता है कि रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने के बजाय बस एक ड्रामा करना चाहते थे.
ये स्वतंत्रता सेनानी वही हैं जो अप्रैल में अन्ना हजारे के लोकपाल बिल के समर्थन में अनशन करने से कहीं पहले जंतर मंतर पर भूख हड़ताल कर चुके हैं.
गांधीवादी सेवा और सत्याग्रह ब्रिगेड नाम के संगठन के महासचिव शंभू दत्ता ने कहा, "हम हजारे को लिखेंगे कि उन्होंने 16 अगस्त से अनशन पर बैठने की जो धमकी दी है, वह नुकसानदायक साबित हो सकती है. जब मसौदा ही तैयार नहीं है तो आप इस तरह तारीखें देकर दबाव नहीं बना सकते. लड़ने के लिए आपको जीना होगा."
93 साल के दत्ता अपने पांच साथियों के साथ 30 जनवरी से भूख हड़ताल पर बैठे थे. उनका मुद्दा लोकपाल बिल ही था. उन्होंने कहा, "संयुक्त मसौदा कमेटी में दरारें नजर आ रही हैं. हमने हजारे को पूरा समर्थन दिया है लेकिन इस मामले को लेकर सिविल सोसाइटी कुछ ज्यादा ही अड़ियल रुख अपना रही है."
पूर्व सैन्य अफसर दत्ता ने बताया कि उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकपाल के दायरे में इतनी सारी मांगें डाल दी हैं कि कोई भी सरकार राजी नहीं होगी. उनका मानना है कि एक बार बिल पास हो जाए, तो एक दो साल में उसमें संशोधन किए जा सकते हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः ए कुमार