हसी ने आईसीसी रैंकिग पर उठाए सवाल
१९ अक्टूबर २०१०माइक हसी का कहना है, "ऑस्ट्रेलिया की टीम निश्चित ही अपनी रैंकिंग से अच्छी है. रैंकिंग सिस्टम टीम के फॉर्म की सही झलक नहीं है." भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम अब तक के अपने सबसे निचले पायदान पर पहुंच गई है. इससे पहले टेस्ट रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया कभी पांचवे नंबर पर नहीं पहुंची थी.
हसी ने कहा कि टीम इतनी भी बुरी नहीं है कि उसे पांचवे नंबर पर रखा जाए. वह कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि हम दुनिया की पांचवी सबसे अच्छी टीम हैं. मुझे यह भी नहीं लगता कि यह हमारी टीम की सही झलक है. हम निश्चित ही इससे अच्छे हैं. अगली टेस्ट चैंपियनशिप में हम सही संकेत दे सकेंगे कि टीम की रैंकिंग कैसी है और उनकी क्षमता कैसी है."
ऑस्ट्रेलियाई अखबार सिडनी मॉर्निंग हैराल्ड से बातचीत में हसी ने कहा, "मैं उनसे सहमत नहीं हूं." अगर अभी प्रस्तावित टेस्ट चैंपियनशिप होती है तो उसमें ऑस्ट्रेलिया हिस्सा नहीं ले सकेगा क्योंकि वह पहले चार में नहीं है. हसी कहते हैं, "हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हम चौथे नंबर पर पहुंचे. हमारे पास एक दो साल और हैं कि हम और बेहतर होते रहें. मुझे लगता है कि हमारी टीम लगातार बेहतर होती जा रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि जो खिलाडी टीम में हैं और जो योजना, प्रक्रिया जारी है, अगर हम उसमें लगे रहे तो अगले साल बहुत बढ़िया टेस्ट क्रिकेट दिखा सकते हैं. बशर्ते हम पर बाहरी असर नहीं हों."
35 साल के माइक हसी ने अगले साल वर्ल्ड कप के बाद अपने रिटायर्मेंट की खबरों का भी खंडन किया है. वह कहते हैं, "मैंने हमेशा सोच समझ कर फैसला लिया है. मैं टीम के बाहर होने की वाली बातों के बारे में विचार नहीं करूंगा. मैं न तो बहुत ज्यादा अखबार पढ़ता हूं, न ही बहुत ज्यादा टीवी देखता हूं. मैं यह बिलकुल मानता हूं कि पिछली गर्मियों में इस सबसे बाहर निकलना मेरे लिए मुश्किल था क्योंकि बहुत ज्यादा अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन सचिन को 37 साल की उम्र में खेलते देखना, स्टीव वॉ, मैथ्यू हैडन, जस्टिन लैंगर बहुत अच्छा खेल रहे हैं. इतने सारे खिलाड़ी हैं जो 35 साल से ज्यादा की उम्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं."
हसी ने कहा कि जब तक कप्तान रिकी पोंटिंग को उन पर विश्वास है उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रेस क्या कह रही है. "मैं खुद पर विश्वास करता हूं. मुझे लगता है कि रिकी, कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ताओं का विश्वास मुझ पर है. जब तक मुझे ये विश्वास है मुझे लगता है कि मेरे पास देने के लिए बहुत कुछ है."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार