20 फीसदी फुटबॉलर रोजी रोटी की फिक्र में
४ फ़रवरी २०११जर्मनी के फुटबॉल खिलाड़ियों के संगठन वीडीवी ने कहा कि 20 फीसदी से ज्यादा खिलाड़ी इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि करियर खत्म हो जाने के बाद उनकी रोजी रोटी कैसे चलेगी.
हाल ही में जर्मन फुटबॉल क्लब शाल्के के कोच फेलिक्स मागाथ ने एक किशोर खिलाड़ी यूलियान ड्राक्सलर से कहा कि वह स्कूल छोड़ दे और सिर्फ फुटबॉल पर ध्यान लगाए. लेकिन वीडीवी के मैनेजिंग डायरेक्टर उल्फ बारानोवस्की इस बात को सही नहीं मानते. उन्होंने कहा कि खेल में भले ही पैसा कमाया जा सकता है लेकिन खतरे भी बहुत ज्यादा हैं.
मिसाल बने ड्राक्सलर
17 साल के ड्राक्सलर ने हाल ही में बुंडेसलीगा के एक मैच में आखिरी मिनट में गोल करके शाल्के को न्यूरेमबर्ग पर जीत दिला दी और हीरो बन गए. इसके बाद कोच ने उनसे कहा कि हाई स्कूल करने की भी कोई जरूरत नहीं है, बस खेल पर ध्यान दो.
बारानोवस्की ने कोच मागाथ की इस सलाह को गैरजिम्मेदाराना करार दिया है. उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी के भविष्य को लेकर एक ही सीजन में इतना सुनिश्चित नहीं हुआ जा सकता. उन्होंने कहा, "आप एक प्रोफेशनल फुटबॉल खिलाड़ी हैं, इसलिए आपका काम पढ़ाई के बिना चल जाएगा, इसमें मुझे संदेह है. 20 फीसदी से ज्यादा खिलाड़ी करियर खत्म होने के बाद वित्तीय परेशानियों का सामना करते हैं."
असल में स्थिति यह है कि हर 10 में से सिर्फ एक खिलाड़ी ही अपना भविष्य सुरक्षित कर पाता है. ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो बड़े क्लबों के लिए खेलते हैं और जिनका अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा होता है. बारानोवस्की कहते हैं, "ऊपर के 10 फीसदी खिलाड़ी पूरी तरह सुरक्षित हैं. ये वे खिलाड़ी हैं जो राष्ट्रीय टीम में या फिर यूरोपीय मुकाबलों में खेलते हैं."
शानदार लाइफ स्टाइल
अपने खेल के दिनों में खिलाड़ी शानदार जिंदगी जीते हैं. लेकिन इसकी कीमत उन्हें बाद में चुकानी पड़ती है. खेल के दौरान कम पढ़ाई या फिर निवेश के खराब फैसलों के चलते उन्हें काफी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. बारानोवस्की कहते हैं, "खिलाड़ियों का पिरामिड जैसे जैसे नीचे की ओर जाता है, उनकी आय में भी खासा फर्क आ जाता है. करियर खत्म होते होते तो खिलाड़ियों के पास कुछ बचता ही नहीं है. कई बार तो कम पढा़ई या कुशलता की कमी के कारण वे कर्जों में दब जाते हैं. यह एक खतरनाक स्थिति है."
वीडीवी अपने सदस्यों को वित्तीय सलाह मुहैया करा रहा है. इसकी सलाह पर ही खिलाड़ी आगे पढ़ाई करने की ओर लौट रहे हैं. बारानोवस्की के मुताबिक लगभग 20 फीसदी खिलाड़ी करियर खत्म होने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए लौट जाते हैं, लेकिन यह संख्या और ज्यादा होनी चाहिए.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा