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कोविड: भारत के कई राज्यों में बढ़ा संक्रमण

३० दिसम्बर २०२१

भारत में कई राज्यों में एक बार फिर कोविड संक्रमण के नए मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं. दिल्ली और मुंबई में सबसे ज्यादा उछाल आया है लेकिन दूसरे कई इलाकों में भी स्थिति चिंताजनक है.

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Indien Kumbh mela in Haridwar
तस्वीर: Xavier Galiana/AFP

भारत में पिछले 24 घंटों में 13,154 नए मामले सामने आए, जो कि छह महीनों में एक नया रिकॉर्ड है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ही दिन में 923 नए मामले सामने आए, जो कि सिर्फ एक ही दिन पहले के आंकड़ों (496) से दोगुनी संख्या है.

दिल्ली में छह महीनों में पहली बार पॉजिटिविटी दर यानी टेस्ट किए सैंपलों में से पॉजिटिव सैंपलों का अनुपात 1.0 को पार कर गया. शहर के ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के मुताबिक पॉजिटिविटी दर अगर दो दिनों तक 1.0 से ऊपर रहती है तो शहर में वीकएंड कर्फ्यू, शिक्षण संस्थान बंद, सिनेमा हॉल बंद, रेस्तरां बंद इत्यादि जैसी कई तरह की पाबंदियां लागू कर दी जाती हैं.

तीसरी लहर

मुंबई में एक ही दिन में 2,510 नए मामले सामने आए हैं. शहर में सात जनवरी तक धारा 144 लगा दी गई है. महाराष्ट्र में नए मामलों के साथ साथ सक्रिय मामलों में भी बड़ा उछाल आया है, जो राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है.

Indien Corona-Pandemie | 1 Milliarde Impfdosen verabreicht
नया वेरिएंट टीका ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा हैतस्वीर: Manjunath Kiran/AFP

चेन्नई में 294, बेंगलुरु में 400 और कोलकाता में 540 नए मामले सामने आए. कर्नाटक, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात समेत दूसरे कई राज्यों में भी मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. पश्चिम बंगाल में पांच महीनों बाद पहली बार एक दिन में 1,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं.

राजस्थान में सिर्फ 100 नए मामले सामने आए हैं लेकिन यह आंकड़ा भी छह महीनों बाद सामने आया है. बिहार में तो मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने आधिकारिक तौर पर तीसरी लहर की शुरुआत की घोषणा कर दी है.

ओमिक्रॉन का बढ़ता असर

संक्रमण के सभी नए मामलों में ओमिक्रॉन से संक्रमण के मामले 1,000 से कम ही हैं लेकिन माना जा रहा है कि नए मामलों में आई इस उछाल के लिए नया वेरिएंट ही जिम्मेदार है.

Indien Corona-Pandemie | 1 Milliarde Impfdosen verabreicht
कोलकाता में टीका लेने के लिए कतार में लगे लोगतस्वीर: Dibyangshu Sarkar/AFP

संक्रमण किस वेरिएंट से हुआ है यह पता करने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग करनी होती है और उसमें वक्त लगता है. इसीलिए जानकार मान रहे हैं कि जैसे जैसे और ज्यादा सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी ओमिक्रॉन के प्रसार की पुष्टि हो जाएगी.

कोरोना वायरस के जेनोमिक बदलावों पर नजर रखने के लिए बनाए गए 38 प्रयोगशालाओं के संघ इनसाकोग ने कहा है कि अब यह साबित हो चुका है कि ओमिक्रॉन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी से बच जाता है और शरीर को संक्रमित कर देता है.

लेकिन इनसाकोग ने यह भी कहा कि इस बार संक्रमित लोगों में बीमारी की गंभीरता पिछली बार के मुकाबले कम नजर आ रही है.

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