अफगानिस्तान में कई हमले, 20 की मौत
११ जून २०११सबसे खतरनाक हमला दक्षिणी प्रांत कंधार के अरगानदाब जिले में हुआ. वहां बारूदी सुरंग के जरिए एक वाहन को निशाना बनाया गया. गृह मंत्रालय ने बताया, "सुबह 10 बजे 15 आम लोगों का जानें चली गईं, जिनमें आठ बच्चे, चार महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं." धमाके में एक महिला घायल भी हुई है.
नाटो के नेतृत्व वाली विदेशी सेनाओं से लड़ रहे तालिबानी उग्रवादी अकसर बारूदी सुरंग और देसी बमों से हमला करते हैं. विदेशी सैनिकों को निशाना बनाकर किए जाने वाले उनके हमलों में कई बार आम लोग निशाना बनते हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अफगानिस्तान में पिछला साल आम लोगों की मौत के लिहाज से सबसे खतरनाक रहा. इस दौरान वहां 2,777 लोग मारे गए. उग्रवादी हमलों के अलावा नाटो की कार्रवाई में भी कई लोग निशाना बने.
कई जगह धमाके
गृह मंत्रालय ने बताया कि पूर्वी कुनार प्रांत में जिला पुलिस मुख्यालय पर मोर्टार बम हमले में एक महिला और दो बच्चों समेत छह आम लोग घायल हुए हैं. वहीं पूर्वी खोस्त प्रांत में शनिवार को ही एक आत्मघाती हमलावर ने तीन लोगों की जान ले ली जिनमें प्रांतीय पुलिस के कमांडर भी शामिल हैं. हमले में 12 लोग घायल भी हुए हैं. खोस्त के उप पुलिस प्रमुख मोहम्मद याकूब मंदोजिया ने बताया कि हमलावर ने पुलिस यूनिट बेस के सामने खुद को उड़ा दिया.
इन हमलों पर चरमपंथियों की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है. अफगानिस्तान में लगभग एक लाख 30 हजार विदेशी सैनिक तैनात हैं जो पिछले 10 साल से तालिबान उग्रवादियों से लड़ रहे हैं. कुछ विदेशी सैनिकों की जुलाई में अफगानिस्तान से वापसी हो सकती है. 2014 तक विदेशी सेनाएं पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ देना चाहती हैं और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय बलों पर होगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार