इंडियन मुजाहिदीन पर अमेरिकी प्रतिबंध
१६ सितम्बर २०११अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने आईएम पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन के उन संगठनों से ताल्लुकात हैं जिन्हें अमेरिका आतंकी संगठन मानता है. इनमें पाकिस्तान से काम करने वाले लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हरकत उल जिहाद इस्लाम यानी हूजी शामिल हैं.
क्यों लगा प्रतिबंध
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "गैर मुस्लिम लोगों पर आतंकी हमले करना इस संगठन का घोषित मकसद है ताकि अपने बड़े लक्ष्य यानी दक्षिण एशिया में इस्लामिक राज को हासिल किया जा सके."
इंडियन मुजाहिदीन 2005 से चर्चा में है. दर्जनों बम धमाकों में इसका हाथ है जिसकी वजह से सैकड़ों मासूमों की जानें गई हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद से लड़ाई के खिलाफ संयोजक के पद पर तैनात डेनियल बेंजामिन कहते हैं, "संगठन को आतंकी सूची में डालने का मतलब है कि इससे पश्चिमी देशों को ही नहीं, बल्कि अमेरिका के एक करीबी सहयोगी भारत को भी खतरा है. भारत की जनता आईएम की हिंसा की आग को झेल चुकी है और अपने इस कदम के जरिए हम जाहिर करना चाहते हैं कि हम भारत के साथ हैं."
क्या होगा प्रतिबंध से
बेंजामिन ने कहा कि आतंकी सूची में शामिल करना आतंक के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाता है. इसके जरिए संगठन को आतंकी गतिविधियों के लिए मिलने वाली मदद पर लगाम लगती है और उन पर दबाव बढ़ता है.
विदेश मंत्रालय अपने बयान में कहता है, "संगठन को आतंकी सूची में शामिल करने का असर यह होगा कि संगठन को जानबूझ कर दी जाने वाली हर तरह की मदद गैरकानूनी हो जाएगी. इसके साथ किसी भी तरह का लेन देन अवैध होगा. इस प्रतिबंध के बाद अमेरिका में इंडियन मुजाहिदीन की हर संपत्ति फ्रीज हो जाएगी."
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन के काम करने का तरीका बम धमाकों के इर्द गिर्द फैला है. उसके आतंकी भीड़भाड़ वाले ऐसे ठिकानों को निशाना बनाते हैं जो आर्थिक या नागरिक लिहाज से अहम माने जाते हैं.
भारत पर उंगली
पिछले पखवाड़े में ही अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में इंडियन मुजाहिदीन को भारत में बढ़ते इस्लामिक आतंकवाद का खतरा माना था. इस रिपोर्ट में कहा गया, "भले ही भारत इस बात को स्वीकारने से कतराता है लेकिन उसके यहां भी इस्लामिक आतंकवाद का घरेलू खतरा मौजूद है. नया उभरा आतंकी संगठन आईएम, जिसे स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का ही सहयोगी माना जाता है, हाल ही में कई आतंकी हमलों में शामिल पाया गया है. हालांकि सरकार इन हमलों के लिए पाकिस्तान पर उंगली उठाते हैं."
आईएम ने 2010 में पुणे की जर्मन बेकरी में बम धमाका किया था. टूरिस्टों की पसंदीदा इस बेकरी में हुए ब्लास्ट में 17 लोगों की जानें गईं जबकि 60 लोग घायल हुए. 2008 में इंडियन मुजाहिदीन के दिल्ली में किए धमाके में 30 लोग मारे गए. उसी साल आईएम ने अहमदाबाद के भीड़भाड़ वाले इलाकों में 16 बम धमाके किए. इनमें 38 लोग मरे और 100 से ज्यादा घायल हुए.
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में भी इंडियन मुजाहिदीन की अहम भूमिका रही. लश्कर ए तैयबा ने इन हमलों को अंजाम दिया था जिनमें 163 लोग मारे गए. मरने वालों में छह अमेरिकी नागरिक शामिल थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन