ईयू ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए
१ दिसम्बर २०११गुरुवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ ईयू के नेताओं ने ईरान की 180 कंपनियों और व्यक्तियों की सूची तय की है जिनपर ईयू में व्यापार करने और सफर करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. ईयू के 27 सदस्य देश अगले साल जनवरी में और प्रतिबंधों पर विचार करेंगे. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा, "इस कदम के जरिए हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए भेजे जाने वाले पैसों पर रोक लगाना चाहते हैं." वेस्टरवेले के मुताबिक बैंकों, ऊर्जा सेक्टर और यातायात कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है.
ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री मिशाएल श्पिंडलेगर ने कहा कि ईयू ईरान के तेल पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेगा और ईरानी केंद्रीय बैंक से सारे संपर्क खत्म करेगा. लेकिन तेल पर प्रतिबंध लगाने से पहले देखना होगा कि ईयू सदस्य देशों में से कितनों को इससे घाटा होगा. ईरान अपने तेल उत्पादन का 20 प्रतिशत यूरोपीय देशों को बेचता है लेकिन यूरोप की केवल छह प्रतिशत जरूरतें इससे पूरी होती हैं. इस प्रतिबंध से ग्रीस और इटली को नुकसान हो सकता है क्योंकि वे अपना ज्यादातर तेल ईरान से खरीदते हैं.
यूरोपीय विदेश मंत्रियों ने ब्रिटिश दूतावास पर हमले की कड़ी निंदा की और तेहरान द्वारा ब्रिटिश राजदूत को निष्कासित करने पर भी आपत्ति जताई. एक सामूहिक बयान में ईयू नेताओं ने कहा कि यूरोपीय परिषद इसका जवाब "सही तरीके से देगा."
ईयू नेताओं ने सीरिया पर भी दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है लेकिन कहा है कि सीरिया पर सैन्य कार्रवाई के बारे में नहीं सोचा जा रहा है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा कि तेहरान और सीरिया की राजधानी दमिश्क में बैठे नेताओं के बीच संबंध हैं और ईरान सीरिया में लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को दबाने में राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन कर रहा है.
ब्रसेल्स में हुई बैठक में अरब लीग के सचिव नबील अरबी ने भी हिस्सा लिया. रविवार को अरब लीग ने सीरिया के खिलाफ प्रतिबंध लागू किए. जर्मन विदेश मंत्री वेस्टरवेले का इस मौके पर कहना था, "यह एक जरूरी संदेश है, कि केवल पश्चिमी देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश भी" सीरिया में प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार के खिलाफ हैं. वेस्टरवेले के मुताबिक यूरोपीय संघ के नेताओं को अपने फैसले अरब लीग के साथ मिलकर कार्यान्वित करने चाहिए.
रिपोर्टः डीएपीडी/एमजी
संपादनः महेश झा