1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ईरान के सभी राजनयिक निष्कासित

३० नवम्बर २०११

तेहरान में ब्रिटिश दूतावास पर हुए हमले के जवाब में ब्रिटेन ने लंदन के ईरानी दूतावास को तुरंत बंद करने का एलान किया है. ईरान के सभी राजनयिकों से 48 घंटे के भीतर ब्रिटेन छोड़ने को भी कह दिया गया है.

https://p.dw.com/p/13Jpu
तेहरान में ब्रिटिश दूतावास पर हमलातस्वीर: dapd

चौंकाने वाली यह घोषणा ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने की. ब्रिटेन ने लंदन स्थित ईरानी दूतावास को तुरंत बंद करने का आदेश दिया. साथ ही ईरानी दूतावास के सभी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. ईरानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर ब्रिटेन छोड़ने के आदेश दिए गए हैं.

हेग ने कहा, "अगर कोई देश अपनी जमीन पर ऐसे हालात बनाता है कि हमारा काम करना नामुमकिन हो जाए तो वह यह नहीं सोच सकता कि उसका दूतावास यहां काम करता रहेगा."

तेहरान में मंगलवार को ब्रिटेन के दूतावास पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. हमले के विरोध में ब्रिटेन ने यह बड़ा कदम उठाया. बुधवार सुबह तेहरान में तैनात ब्रिटिश राजदूत और दूतावास के अधिकारियों ने ईरान छोड़ दिया.

Flash-Galerie Iran Britische Botschaft
ब्रिटिश दूतावास पर हुए हमले की तस्वीरतस्वीर: dapd

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान सरकार की इच्छा के बिना ब्रिटिश दूतावास पर हमला हो ही नहीं सकता था. हेग ने कहा हमलों में ''कहीं न कहीं सत्ता की कुछ सहमति'' जरूर थी. हेग ने जानकारी दी कि तेहरान में ब्रिटिश दूतावास को बंद कर दिया गया है और सभी कर्मचारियों को वहां से निकाल लिया गया है.

मंगलवार को नारे लगाते ईरान के प्रदर्शनकारी ब्रिटेन के दूतावास में घुस गए और वहां भारी तोड़फोड़ की. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग 'ब्रिटेन की मौत' के नारे लगा रहे थे और ब्रिटेन का झंडा भी फाड़ दिया गया. ब्रिटिश दूतावास के दो परिसरों में कई घंटे तक तोड़ फोड़ चलती रही. ईरान के प्रदर्शनकारी ब्रिटेन के इस एलान से नाराज थे कि वह ईरान से सारे आर्थिक संबंध तोड़ लेगा. ब्रिटेन की तरफ से आर्थिक प्रतिबंध लगाने का यह फैसला अमेरिका और कनाडा की तरफ से लगाए नए प्रतिबंधों के समर्थन की दिशा में एक कदम है.

Flash-Galerie Iran Britische Botschaft
तस्वीर: dapd

ब्रिटिश दूतावास में तोड़फोड़ करने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस कदम की आलोचना की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि वह, "इस घटना से हैरान हैं और उन्हें इस बात से बहुत दुख पहुंचा है कि ईरानी प्रदर्शनकारी ब्रिटिश दूतावास में घुस गए, वहां कर्मचारियों को कुछ देर तक बंधक बनाए रखा और तोड़फोड़ की." यहां तक कि ईरान के सबसे बड़े सहयोगी रूस ने भी इस घटना को 'अस्वीकार्य' कहा है.

ईरान के फार्स समाचार एजेंसी ने खबर दी है कि शहर के ऊत्तरी हिस्से में दूतावास से संबंधित परिसर पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला और पुलिस को उनकी कैद में मौजूद छह राजनयिकों को मुक्त कराने के लिए कई घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. इसी तरह शहर के बीच सिटी सेंटर में स्थित ब्रिटिश दूतावास के दफ्तर पर हुए हमले में प्रदर्शकारियों ने वहां रखे दस्तावेजों को बिखेर कर जला दिया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एन रंजन, ओ सिंह

संपादन: महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें