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ऑस्ट्रेलिया से हार, कप्तान पर मार

Anwar Jamal Ashraf१९ फ़रवरी २०१२

भारतीय क्रिकेट टीम को जहां ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 110 रन की शर्मनाक हार झेलनी पड़ी, वहीं धीमे ओवर रेट से धोनी पर एक मैच की पाबंदी भी लग गई. टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने तेज गेंदबाजी के सामने घुटने टेक दिए.

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तस्वीर: AP

लगभग छह रन प्रति ओवर के हिसाब से बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम का खेल 10 ओवर में ही खत्म हो गया, जब 36 रन पर चार विकेट गिर गए. फिर भी मैच औपचारिक नतीजे के लिए 44वें ओवर तक चलता रहा. 289 रन की दरकार थी, 178 ही बन पाए. ऑस्ट्रेलिया भारी भरकम जीत के साथ अंत तालिका में सबसे ऊपर पहुंच गया.

ब्रेट ली और बेन हिल्फेनहाउस की तेज गेंदों ने भारतीय बल्लेबाजों की सिट्टी पिट्टी गुम कर दी और उनके लिए रन बनाना मुश्किल हो गया. पांच विकेट लेने वाले हिल्फेनहाउस को मैन ऑफ द मैच आंका गया. वह 2009 के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे.

हालांकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इसके लिए गेंदों और गर्मी को भी कम जिम्मेदार नहीं मानते, "लोग आम तौर पर आस्किंग रेट के बारे में सोचते हैं. दो नई गेंदों के साथ खेलना है. हमारे गेंदबाजों को यहां की गर्मी में बहुत मुश्किल हुई. वे हांफ रहे थे."

चूक गए दिग्गज

मैच के दो सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी भारत के सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग के लिए ब्रिस्बेन का मैच इतना बुरा रहा कि वे इसे भूल जाना पसंद करेंगे. हालांकि कप्तान के तौर पर पोंटिंग को जीत तो नसीब हो गई लेकिन उनकी बल्लेबाजी तीसरे दर्ज की रही. कप्तान के तौर पर शायद आखिरी मैच खेल रहे पोंटिंग को सात रन बनाने में 26 गेंदें लगीं, जबकि सौवें अंतरराष्ट्रीय शतक के दबाव में खेल रहे सचिन दर्जन भर गेंदें खेल कर सिर्फ तीन रन बना पाए.

Ricky Ponting Cricketspieler 2009
तस्वीर: AP

इस मैच में विराट कोहली एक बार फिर विवाद में रहे. ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों के साथ उनका "याराना" जारी है, जो लगातार उन्हें हूट कर रहे हैं. बल्लेबाजी करते हुए भी वह आउट दिए जाने के फैसले से नाराज दिखे और काफी देर तक क्रीज पर ही खड़े रहे. लेकिन अंपायर के फैसले के बाद तो उन्हें जाना ही था. सो 12 रन बना कर वे भी चले गए. रोहित शर्मा को सीरीज में बहुत मौके मिले और उन्होंने हर बार अपनी नाकामी ही दिखाई. सुरेश रैना को खुद को साबित करने का अच्छा मौका मिला, जिसे उन्होंने गंवा दिया. इरफान पठान की वापसी बेकार लग रही है. गेंदबाजी में उनकी धार खत्म हो गई दिखती है, तो बल्ले से भी वह कोई कमाल नहीं कर पा रहे हैं.

धोनी पर पाबंदी

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को इस वनडे सीरीज में बैटिंग करने का बहुत मौका मिल रहा है क्योंकि टॉप ऑर्डर अपना काम पूरा नहीं कर पा रही है. इस बार भी 56 रन की पारी तो खेली लेकिन वह किसी काम की नहीं रही. 288 रन का स्कोर उनके लिए एक विशाल बरगद का पेड़ साबित हुआ, जिसकी शाखों में पूरी टीम इंडिया उलझ कर रह गई. ऊपर से धीमी गति के गेंदबाजी की वजह से धोनी पर एक मैच का बैन भी लग गया. अब वह मंगलवार को श्रीलंका के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे. इस दौरे में यह दूसरा मौका है, जब धीमी गेंदबाजी की वजह से धोनी नहीं खेल पाएंगे. इससे पहले वह पर्थ मैच भी मिस कर चुके हैं. देखना है कि अगले मैच में भारत की कप्तानी वीरेंद्र सहवाग करते हैं या किसी और को यह मौका दिया जाता है.

बुरा अनुभव

मैच का 29वां ओवर भी बुरा अनुभव साबित हुआ, जब थर्ड अंपायर ने माइक हसी को पहले आउट करार दिया और बाद में कहा कि उन्होंने गलत बटन दबा दिया. इसके बाद हसी को वापस बुलाया गया. भारतीय खेमा इससे खुश नहीं था. हसी ने अपनी टीम की ओर से सबसे ज्यादा 59 रन बनाए.

इस हार के साथ भारत अंक तालिका में 10 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर खिसक गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया 14 अंकों के साथ पहले नंबर पर है. श्रीलंका ने बाकी की दो टीमों से एक मैच कम खेला है और उसके सात अंक हैं. यानी मुकाबला दिलचस्प तो बना हुआ है. अब मंगलवार को भारत और श्रीलंका को खेलना है.

रिपोर्टः एपी, एएफपी, पीटीआई/ए जमाल

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन

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