किंग्सटन टेस्ट: पहले दिन भारत को निराशा
२१ जून २०११किंग्सटन में खेले जा रहे टेस्ट मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. भारत की ओर से अभिनव मुकुंद और मुरली विजय ने शुरुआत की. पहला विकेट जल्द ही गिरा जब 8 रन के निजी स्कोर पर विजय रामपॉल की गेंद पर बिशू को कैच थमा बैठे. उस समय टीम के खाते में 15 रन जुड़े थे. अनुभवी राहुल द्रविड़ ने एक छोर थामने की पूरी कोशिश की लेकिन दूसरी ओर अपना पहला टेस्ट खेल रहे मुकुंद एकाग्रता खो बैठे और रामपॉल की गेंद पर 11 रन के स्कोर पर बोल्ड हो गए.
इसके बाद वीवीएस लक्ष्मण, विराट कोहली, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी भी जल्दी जल्दी पैवेलियन लौट गए और भारत ने 85 रन पर ही छह विकेट खो दिए. द्रविड़ ने तो 40 रन बनाए लेकिन लक्ष्मण के नाम स्कोर बोर्ड में 11 रन जुड़े, विराट कोहली ने 4 रन जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने 0 रन बनाए.
सचिन तेंदुलकर के बिना 250 रन के लिए तरसती भारतीय टीम को सहारा दिया सुरेश रैना और टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने. सातवें विकेट के लिए हरभजन और रैना ने 146 रन जोड़े. भज्जी ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए 70 रन का अहम योगदान ऐसे समय में दिया जब भारतीय पारी लड़खड़ा रही थी. नाजुक समय में भी हरभजन ने रनों की रफ्तार में कोई कमी नहीं आने दी और अपने 70 रन के लिए 74 गेंदों का सामना किया और 10 चौकों के साथ एक छक्का लगाया.
सुरेश रैना ने सूझबूझ से खेलते हुए 82 रन बनाए लेकिन वह शतक बनाने से चूक गए. बिशू के हाथों उन्हें रामपॉल ने कैच आउट कराया. वेस्ट इंडीज की ओर से तेज गेंदबाज फिडेल एडवर्ड्स ने चार विकेट झटके जबकि रवि रामपॉल और स्पिनर देवेंद्र बिशू ने तीन तीन विकेट अपने नाम किए. भारतीय पारी के बाद खेलने उतरी वेस्ट इंडीज की टीम को जल्दी झटका लग गया. ईशांत शर्मा ने सिमोंस को 3 रन के स्कोर पर वापस पैवेलियन भेज दिया. पहले दिन का खेल खत्म होने तक वेस्ट इंडीज ने एक विकेट खोकर 34 रन बना लिए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा