किम को चीन से चाहिए और नजदीकियां
१ सितम्बर २०१०उत्तर कोरिया के नेता किम जॉन्ग इल शायद ही कभी राजधानी प्योंगयांग से बाहर निकलते हैं. लेकिन चीन ने दो दिन पहले इस बात की पुष्टि की, कि किम ने पिछले दिनों चीन का पांच दिवसीय दौरा किया. उत्तर कोरियाई नेता ने अपने इस दौरे में चीन के साथ रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया.
खास कर कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच अकसर होने वाले सैन्य अभ्यासों ने उनकी चिंता को बढ़ा दिया है. दक्षिण कोरिया से उत्तर कोरिया की दुश्मनी जगजाहिर है, तो चीन भी अपने पड़ोस में अमेरिकी मौजूदगी को पसंद नहीं करेगा. इसीलिए दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों तरफ से कोशिशें हो रही हैं. इस बात की पुष्टि उत्तर कोरिया के दूसरे नंबर के नेता किम योंग नाम ने भी की है.
बुधवार को ही चीन की सेना ने पीले सागर में चीन और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच तोपों का अभ्यास शुरू किया. अमेरिका और दक्षिण कोरिया भी कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के पास अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में सैन्य अभ्यास करने वाले हैं. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि इस सैन्य अभ्यास का मकसद उत्तर कोरिया को यह दिखाना है कि अमेरिका अपने सहयोगी दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है. दोनों देश पहले भी ऐसे अभ्यास करते रहे हैं.
मार्च में एक दक्षिण कोरियाई नौसैनिक जहाज को डुबोए जाने के बाद से क्षेत्र में तनाव है. दक्षिण कोरिया इस घटना के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ बताता है. वहीं, उत्तर कोरिया इस आरोप को सिरे से खारिज करता है.
फिलहाल चीनी सेना के कमांडर छांग योशिया उत्तर कोरिया के दौरे पर हैं. उनसे मुलाकात करने के बाद किम योंग नाम ने कहा कि दोनों देशों को सैन्य सहयोग और बढ़ाना चाहिए.
इस बीच कई विदेशी जानकारों का कहना है कि किम जॉन्ग इल यह भी चाहते हैं कि अपने बेटे किम जोन्ग उन को उत्तर कोरिया की कमान सौंपने के मुद्दे पर चीन उनका समर्थन करे. समझा जाता है कि किम के बेटे को उत्तराधिकार सौंपने के लिए उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट पार्टी शनिवार से चार का सम्मेलन बुला रही है. यह 1966 के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी. 68 साल के किम जोन्ग इल काफी बीमार रहते हैं और "उभरती पीढ़ी" को आगे आने के लिए कहते रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उभ