गद्दाफी के खिलाफ वारंट जारी
२७ जून २०११इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) के जज ने सोमवार को मोअम्मर अल गद्दाफी के खिलाफ वारंट जारी करने का फैसला ले लिया हैं.
आईसीसी के अभियोक्ताओं ने 69 साल के गद्दाफी, उनके बेटे सैफ अल इस्लाम(39) और लीबिया के खुफिया मामलों के प्रमुख अब्दुल्लाह अल सेनुसी(62) के खिलाफ वारंट जारी करने की अर्जी दी थी. उन पर फरवरी से अब तक पर हत्या और उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं.
अभियोक्ता लुईस मोरेनो ओकेंपो की जांच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्देश पर हो रही है जो परिषद ने 26 फरवरी को जारी किए थे. मोरेनो ओकेंपो का कहना है कि जब तक गद्दाफी को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता युद्ध अपराध बंद नहीं होंगे.
यह दूसरी बार है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने किसी देश के प्रमुख के खिलाफ वारंट जारी किया है. इससे पहले सूडान के ओमर अल बशीर के खिलाफ वारंट जारी किया गया.
मोरेनो ओकेंपो ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि "गद्दाफी ने पूरी योजना खुद बनाई और उसे अमल में लाने में भी उनका हाथ है. गद्दाफी की योजना में विरोध प्रदर्शनकारियों और विद्रोहियों पर मारक फौज इस्तेमाल करने की नीति भी शामिल थी."
2002 में स्थापित हुआ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दुनिया का पहला स्थायी कोर्ट है जहां युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध, नरसंहार के आरोपियों को उस स्थिति में कटघरे में खड़ा किया जाता है जब आरोपी का देश उस पर मुकदमा नहीं चला सकता हो या नहीं चलाना चाहता हो.
'ऐतिहासिक चयन'
उधर मोअम्मर अल गद्दाफी के समर्थन वाली सरकार ने कहा है कि गद्दाफी लीबियाई लोगों के ऐतिहासिक चयन हैं और उन्हें हटाया नहीं जा सकता. सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने कहा, "मोअम्मर अल गद्दाफी लीबिया के ऐतिहासिक प्रतीक हैं. वह सभी राजनैतिक कार्रवाइयों और रणनीतिक खेल से परे हैं. फिलहाल और आगे भी गद्दाफी एक ऐतिहासिक चयन हैं जिसे हम हटा नहीं सकते."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा