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ग्रीस की मदद कर सकता है वर्ल्ड बैंक

३ जुलाई २०१२

वर्ल्ड बैंक के नए प्रमुख जिम योंग किम ने बैंक की नीतियों में बड़े परिवर्तन का संकेत देते हुए ग्रीस जैसे विकसित देशों की मदद करने की तैयारी का संकेत दिया है. अब तक बैंक सिर्फ गरीब और विकासशील देशों की मदद करता था.

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तस्वीर: AP

पद संभालने के बाद किम ने इस पर जोर दिया कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता विश्व अर्थव्यवस्था के लिए बुनियादी घड़ी में विकासशील देशों की सुरक्षा होगी, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक संरचनात्मक समस्या का सामना कर रहे धनी देशों को भी अपनी तकनीकी जानकारी उपलब्ध करा सकता है. किम दक्षिण कोरिया में जन्मे हैं, लेकिन अमेरिकी नागरिक हैं. उन्होंने कहा, "हम उन्हीं देशों में जाते हैं जो हमें बुलाते हैं, लेकिन मैं महसूस करता हूं कि जिस तरह की कुशलता हमारे पास है वह उच्च आय वाले देशों सहित विश्व के बहुत से देशों में प्रासंगिक हो सकती है."

जरूरी अनुभव

वर्ल्ड बैंक के पूर्व प्रमुख रोबर्ट जोएलिक ने ग्रीस में बैंक के सक्रिय होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. उन्होंने पिछले ही महीने कहा था कि यदि वर्ल्ड बैंक सुधार करवाने वाले के रूप में गया होता तो यह ग्रीस के लिए उतना लाभदायक नहीं हुआ होता जितनी बैंक के लिए हानिकारक. इसके विपरीत अपने काम के पहले दिन किम ने कहा, "मेरा स्टाफ महसूस करता है कि उसके पास जरूरी अनुभव है जो मददगार हो सकता है. यदि ये बात है और हमें पूछा जाता है तो मैं ग्रीस की मदद करने की संभावना के लिए तैयार हूं."

बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्व उगाहने, सामाजिक कार्यक्रमों को बेहतर बनाने, भ्रष्टाचार से लड़ने और निवेश आकर्षित करने की क्षमता बढ़ाने के लिए सरकारों के साथ काम करने का बैंक का अनुभव ग्रीस और पुर्तगाल जैसे देशों के काम आ सकता है. ये देश इन्हीं मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मदद के चलते कर्ज में डूबा ग्रीस यूरो जोन में बने रहने में कामयाब रहा है लेकिन यह मदद उसे खर्च में बड़ी कटौती और गरीबी तथा बेरोजगारी में वृद्धि की कीमत पर मिली है.

Jim Yong Kim und Barack Obama
ओबामा की पसंद हैं किमतस्वीर: Reuters

अतिरिक्त आमदनी

ग्रीस जैसे जैसे देशों की मदद कर वर्ल्ड बैंक अपनी आमदनी भी बढ़ाना चाहता है. एक प्रस्ताव यह है कि यूरोपीय संघ ग्रीस में बैंक की तकनीकी सलाह का खर्च उठाएगा. वर्ल्ड बैंक भी वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहा है. ब्याज से होने वाली आमदनी घट रही है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा उधार लेने वाले पूंजी बाजार में प्रवेश पा रहे हैं. दूसरी ओर बैंक के अमेरिका जैसे बड़े शेयरहोल्डर अपना बजट घटा रहे हैं. किम ने ग्रीस की सहायता के सिलसिले में साफ किया है, "हम उच्च आय वाले देशों में वर्ल्ड बैंक के भारी पैमाने पर निवेश की बात नहीं कर रहे हैं. हम कुछ देशों में संरचनात्मक मुद्दों पर तकनीकी मदद के साथ मूल्यवृद्धि कर सकते हैं."

USA Weltbank Robert Zoellick
रोबर्ट जोएलिकतस्वीर: AP

इस प्रस्ताव पर बैंक के शेयरहोल्डरों की बैठक में पहले भी चर्चा हो चुकी है. वर्ल्ड बैंक के बोर्ड पर काम करने वाले एक बड़े विकासशील देश के अधिकारी ने कहा, मैं बैंक को ऐसा करने के लिए तब तक बढ़ावा दूंगा जब तक इसमें विकासशील देशों को जाने वाले संसाधनों का इस्तेमाल न हो. किम ने ऐसे समय में वर्ल्ड बैंक का नेतृत्व संभाला है जब यूरो जोन के कर्ज संकट का असर पूरी दुनिया पर पड़ने लगा है. चीन से लेकर भारत और ब्राजील जैसे उभरते देशों में विकास की दर धीमी पड़ गई है.

विकास दर धीमी पड़ने से सरकारों के राजस्व में कमी होगी और जल्द ही वे वर्ल्ड बैंक से मदद लेने को मजबूर हो सकते हैं. विकासशील देश बैंक से कर्ज मिलने में सख्ती और कारोबार के लिए धन मिलने में कटौती का सामना कर रहे हैं. ये ऐसी मुश्किलें हैं जिनसे देर सबेर विश्व के सबसे बड़ी विकास कर्ज देने वाले के रूप में किम को निबटना होगा. 2009 में वर्ल्ड बैंक ने विकासशील देशों के लिए संसाधन बढ़ा दिए हैं. उसने इस साल 100 अरब डॉलर का रिकॉर्ड कर्ज दिया.

एमजे/एनआर (रॉयटर्स)

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