जर्मन बेकरी धमाके में दो गिरफ्तार
८ सितम्बर २०१०पुणे से हिमायत बेग और नासिक से बिलाल नाम के दो व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन दोनों के पास से आरडीएक्स और बम बनाने की सामग्री बरामद हुई है. संदेह है कि इन दोनो ने पुणे बेकरी में हुए धमाके में मदद की थी.13 फरवरी को हुए इस बम धमाके में 16 लोग मारे गए थे और 60 घायल हुए थे. मारे गए लोगों में एक इतालवी, एक इरानी और दो सूड़ानी नागरिक शामिल है. पुणे में ओशो आश्रम के पास की ये बेकरी विदेशियों और छात्रों में बहुत पसंद की जाती है.
पुलिक को संदेह है कि भारत के मुजाहिद्दीन संगठन और पाकिस्तान के लश्कर ए तैयबा का इस धमाके में हाथ हो सकता है.
आतंक निरोधी दस्ते के महाराष्ट्र प्रमुख राकेश मारिया का कहना है कि इन दोनों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस इन दोनों का पाकिस्तान के इस्लामी चरमपंथी संगठन से संपर्क होने का दावा कर कर रही है. मारिया ने पत्रकारों को बताया "गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से "एक एलईटी का महाराष्ट्र प्रमुख है. दूसरा जनवरी 2008 और इस साल के शुरुआत में पाकिस्तान में प्रशिक्षण लेने गया था जहां उसे लश्कर ए तैयबा ने ट्रेनिंग दी."
समाचार एजेंसी एएफपी ने मारिया के हवाले से लिखा है कि पुलिस को इन दोनों के पास से दो किलो आरडीएक्स मिला और बम बनाने की सामग्री और उपकरण मिले. "साथ ही एलईटी के कागज़ात, सिम कार्ड और नगद भी मिला." मारिया ने कहा कि उन्होंने एलईटी के लिए कुछ जगहों के विडियो भी बनाए थे. हमने जर्मन बेकरी केस के फोटो देखे हैं.
उन्होंने ये भी जानकारी दी कि बैग में छिपाया गया और रिमोट कंट्रोल से चलने वाला ये बम गिरफ्तार व्यक्ति के इंटरनेट कैफे में बनाया गया था.
पुणे का बम धमाका नवंबर 2008 में मुंबई हमलों के बाद का बड़ा हमला था. ये हमला ऐसे समय हुआ था जब भारत और पाकिस्तान रुकी शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए तैयार हुए थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा
संपादनः निर्मल