जापान ने जर्मनी को दिखाया बाहर का रास्ता
१० जुलाई २०११108वें मिनट में जापान की कप्तान होमारे सावा से मिले लंबी दूरी के पास को करानी मारुयामा ने जर्मन गोलकीपर नादीने एंगेरर के पीछे से गोलपोस्ट में डाल कर मैच का इकलौता और विजयी गोल किया. 2003 और 2007 यानी लगातार दो बार महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने के बाद इस बार ऐसी नौबत आई है कि जर्मन टीम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी. 1999 में मेजबान अमेरिका के हाथों क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारने के पूरे 12 साल बाद अब फिर जर्मन टीम ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का मुंह देखा है.
जापान क्वार्टर फाइनल से आगे पहली बार गया है. इससे पहले उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1995 में दिखा था जब वह स्वीडन में वर्ल्ड कप मुकाबले की अंतिम आठ टीमों तक पहुंचने में कामयाब हुआ था. जर्मन कोच सिल्विया नीड ने हार के बाद कहा, "मुझे जिसका डर था, वही हो गया. दुनिया में चौथे नंबर की टीम के सामने हम रंग में नहीं थे. हम गोल नहीं कर पा रहे थे और हमारी कोशिशें कारगर नहीं हो रही थीं. जापानी खिलाड़ियों के हमले का हमेशा बेहतर तरीके से जवाब देना होता है. निश्चित रूप से यह बहुत उदास करने वाला है."
रविवार को एक दूसरे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और स्वीडन की भिड़ंत हो रही है. इनमें से जीतने वाली टीम का मुकाबला जापान से होगा. जापानी टीम की कप्तान होमारे सावा ने जीत के बाद कहा, "हमने कभी जर्मनी को नहीं हराया था, इसलिए वर्ल्ड कप में ऐसा करना एक अलग बात है. मैं बहुत खुश हूं फाइनल सीटी बजी तो मैं रो पड़ी." सावा का ये पांचवा वर्ल्ड कप है.
ग्रुप ए में तीन मुकाबले जीतने के बाद जर्मनी लगातार तीसरी बार वर्ल्ड कप का दावेदार बनने की ओर बढ़ रहा था. उधर जापान ग्रुप बी के मुकाबलों में इग्लैंड से हारने के बाद जैसे तैसे क्वार्टर फाइनल में पहुंचा. जर्मनी को शुरुआत में ही बड़ा झटका लगा जब प्रमुख मिडफिल्डर किम कुलिग खेल के तीसरे मिनट में ही घुटने की चोट खा बैठीं. मजबूरी में कोच सिल्विया को डिफेंडर बियांका श्मिट को लाना पड़ा और लेफ्ट बैक लिंडा ब्रेसोनिक को मिडफिल्डर के रूप में खिलाया. शुरुआत में तो 26 हजार से ज्यादा जर्मन दर्शकों के सामने यह मैच इकतरफा लग रहा था. ताकतवर मिडफिल्डर सिलिया ओकोयिनो दा म्बाबी ने 13वें मिनट में एक शानदार शॉट मारा जिसे जापानी गोलकीपर अयुमी काइहोरी ने रोक लिया. कप्तान कर्स्टिन गेरेफ्रेकेस ने भी 22वें मिनट में अच्छी कोशिश की लेकिन वह भी नाकाम रही.
जापान तो मुकाबले में तब आया जब जर्मन खिलाड़ियों की शुरुआती गर्मी ठंडी पड़ने लगी. जापानी फॉरवर्ड युकी नागासातो ने एक शानदार कोशिश की हालांकि वह गोलपोस्ट के बगल से निकल गई. मेक्सिकन रेफरी ने 55वें मिनट में जापानी खिलाड़ियों को पहला पीला कार्ड दिखाया. खेल के दूसरे हाफ में कुल तीन पीले कार्ड दिखाए गए. जापान की मिडफिल्डर अया मियामा की दो लंबी कोशिशें नाकाम रहीं और अंतिम पांच मिनट के दौरान जर्मन फॉरवर्ड इंका ग्रिंग्स की पेनल्टी की अपील रेफरी ने नामंजूर कर दी.
मुकाबले का फैसला एक्स्ट्रा टाइम के दूसरे हिस्से में हुआ जब जापान ने विजयी गोल करके शोर मचाती भीड़ को खामोश कर दिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार