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नक्शा विवाद पर भारत का जवाबी कदम

२४ नवम्बर २०१२

भारत ने चीन से आने वालों के वीजा पर अपना नक्शा लगाना शुरू कर दिया है. चीन के पासपोर्ट में विवादित क्षेत्रों को चीन का हिस्सा बताया गया है. ऐसे नक्शे वाले पासपोर्ट बनने के बाद ही भारत की तरफ से यह जवाबी कदम उठाया गया.

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विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, "हमने भारत के नक्शे के साथ वीजा जारी करना शुरू कर दिया है." भारत की तरफ से यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब चीन ने अपने देश के लोगों के लिए बायोमेट्रिक पासपोर्ट बनाना शुरू किया. इस पासपोर्ट में चीन का नक्शा है और नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को चीन का हिस्सा दिखाया गया. इन इलाकों पर भारत अपना दावा करता है. दोनों देशों के बीच इस मामले पर पहले भी विवाद होता रहा है.

Bildergalerie 50 Jahre indisch-chinesischer Krieg
तस्वीर: DW

चीन ने न सिर्फ भारत के साथ विवादित क्षेत्रों को बल्कि दक्षिण चीन सागर के उन हिस्सों को भी अपना बताया है जिन पर उसके वियतनाम और फिलीपींस जैसे दूसरे देशों से विवाद चल रहे हैं. इसी हफ्ते की शुरुआत में फिलीपींस और वियतनाम ने इस मामले पर सख्त एतराज जताया और आधिकारिक रूप से इस मामले को चीन के साथ उठाने का फैसला किया. भारत के प्रमुख अखबार द हिंदू का दावा है कि भारत सरकार ने इस मामले पर चीन से बातचीत नहीं करने का फैसला किया है. अखबार ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से लिखा है, "ऐसा लगता है कि कार्रवाई की जुबानी बात करना शब्दों की तुलना में ज्यादा बेहतर है."

विवाद बढ़ता देख चीन ने कूटनीतिक तरीके से इसे हल्का करने की कोशिश की है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि नक्शे, "किसी खास देश को निशाना बनाने के लिए नहीं तैयार किए गए."

भारत सरकार ने चीन की इस हरकत को अस्वीकार्य बताया है. इस मामले में भारत की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया भारतीय विदेश मंत्री की तरफ से आई. विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है, "हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. हमने इसलिए जैसे ही कुछ हुआ अपनी असहमति का झंडा बुलंद कर दिया." सीमा विवाद से जुड़ा यह मामला ऐसे वक्त में आया है जब भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से आसियान सम्मेलन के दौरान अलग से मुलाकात की और सीमा विवादों को हल करने की दिशा में आगे बढ़ने पर बातचीत की.

Wen Jiabao Manmohan Singh Staatsbesuch in Peking 2008
तस्वीर: Getty Images

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. 1962 की जंग के बाद अब तक 14 दौर की बातचीत भी हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ भी हासिल नहीं हआ. चीन अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन पर दावा करता है. दोनों देशों के बीच इस इलाके में करीब 1030 किलोमीटर लंबी साझी सीमा है. चीन ने भारत से लगती उत्तर पूर्व की सीमाओं पर बुनियादी ढांचा काफी मजबूत कर लिया है, इससे नई दिल्ली को चिंता होती है. सिर्फ इतना ही नहीं चीन ने श्रीलंका और बांग्लादेश में अपनी गतिविधियां काफी बढ़ा दी है जिन्हें भारत अपने प्रभाव वाला क्षेत्र मानता है.

चीन ने पहले भी पड़ोसियों को भड़काने वाली इस तरह की हरकतें की है. बीच में ऐसा कई बार हुआ जब उसने अरुणाचल प्रदेश के लोगों को वीजा देने से इनकार कर दिया. इसके अलावा जम्मू कश्मीर को विवादित क्षेत्र मानते हुए उसने नत्थी वीजा देने की भी शुरूआत की. भारत के कड़े विरोध के बाद ही चीन ने सामान्य वीजा देना शुरू किया.

एनआर/ओएसजे (एएफपी, पीटीआई)

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