भारत पाक की कश्मीर पर तूतू मैंमैं
१० अक्टूबर २०१२"संगठन के कामकाज की रिपोर्ट" पर संयुक्त राष्ट्र आमसभा की बैठक के दौरान पाकिस्तान के उप राजदूत राजा बशीर तरार ने कहा कि उनका देश शांति मिशन के जरिए संयुक्त राष्ट्र के जम्मू कश्मीर पर निगरानी रखने की कोशिशों की सराहना करता है. तरार ने कहा, "हमारा मानना है कि लंबे समय से चले आ रहे फलीस्तीन और जम्मू कश्मीर जैसे विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ाने में मदद करेगा साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सम्मान और उसकी पवित्रता को भी बढ़ाएगा."
मंगलवार को जैसे ही पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर का जिक्र आया भारत ने तुरंत जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया. भारतीय मिशन के सचिव नामग्या खामपा ने कहा कि पाकिस्तान ने, "दुखद रूप से जम्मू कश्मीर पर बेमतलब की बात की है जो पूरी तरह संदर्भ से बाहर है. जम्मू कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा है. इस तरह के बयान पूरी तरह से खारिज करने लायक हैं." भारत के ऐसा कहने पर पाकिस्तान ने भी जवाब के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और कहा कि भारतीय पक्ष के लिए "बेमतलब" उनका पसंदीदा शब्द बन गया है. जब कभी कश्मीर का जिक्र आता है वो इस शब्द का इस्तेमाल कर देते हैं. पाकिस्तानी अधिकारी ने यह भी कहा कि शब्दकोष किसी सच्चाई का विकल्प नहीं हो सकता. तरार ने कहा, "कश्मीर जैसे लंबे समय से चले आ रहे अहम मसलों को इस तरह के बयानों के जरिए किनारे नहीं किया जा सकता."
मामला यहीं नहीं रुका इसके बाद फिर भारतीय पक्ष ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान की तरफ से आए बयान को खारिज किया और यह भी कहा कि ऐसे बयानों के लिए आमसभा में कोई जगह नहीं है. इसके साथ ही भारतीय अधिकारी ने फिर दोहराया कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अटूट हिस्सा है. पाकिस्तानी पक्ष भी फिर उठा और कहा कि बार बार कहने से कोई भ्रम सच्चाई में नहीं बदल जाता.
हाल के दिनों में यह दूसरी बार है जब भारत पाकिस्तान कश्मीर को लेकर जबानी जंग में उतरे हैं. हफ्ते भर पहले संयुक्त राष्ट्र की सालाना आम बहस के दौरान भी दोनों पड़ोसी गुत्थमगुत्था हुए थे. सोमवार को तरार ने संयुक्त राष्ट्र में उपनिवेशों के खात्मे पर विशेष कमेटी की बैठक के दौरान कहा कि "जम्मू कश्मीर विवाद" का हल हुए बगैर कमेटी का एजेंडा पूरा नहीं हो सकता. इसके साथ ही तरार ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर न तो भारत का अटूट हिस्सा है न कभी था.
इस पर भारत की तरफ से जवाब आया कि जम्मू कश्मीर का इस मामले में जिक्र संदर्भ से बिल्कुल बाहर है. भारतीय सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मुताबिक शांतिपूर्ण तरीके से चुनी अपनी किस्मत में स्वतंत्र इच्छा दिखाई है.
संयुक्त राष्ट्र की सालाना आम सभा में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के इस मसले को उठाने के बाद से ही मामला गर्माया हुआ है. भारतीय विदेश मंत्री एस एम कृष्णा पहले ही जरदारी के बयान को गैरजरूरी करार दे चुके हैं. इस बीच जबानी जंग की कुछ गर्मी दोनों देशों की सीमा पर भी नजर आई है. जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में युद्ध विराम का उल्लंघन कर पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय चौकियों पर हमला किया जिसका जवाब सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी अपनी बंदूकों से दिया है. हालांकि अभी तक किसी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है.
एनआर/एएम (पीटीआई)