पाकिस्तान ईशनिंदा कानून खत्म करे: पोप
१० जनवरी २०११पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करे कि देश में मौजूद ईसाइयों के साथ किसी तरह का भेदभाव न हो और वे अपने धर्म का आजादी से पालन कर सकें. वेटिकन सिटी के लिए नियुक्त विदेशी राजदूतों को संबोधित करते हुए पोप ने मिस्र, इराक और नाइजीरिया में ईसाइयों पर हाल में हुए हमलों का जिक्र किया. उन्होंने सभी देशों से अपील की है कि धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं.
उन्होंने पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून को खत्म करने की अपील की है. इस कानून के तहत इस्लाम का अपमान करने पर मौत की सजा का प्रावधान है. पोप का मानना है कि इस कानून से गैर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा, "मैं एक बार फिर पाकिस्तान के नेताओं से इस कानून को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहता हूं."
लगभग 95 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले देश पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को जबर्दस्त समर्थन प्राप्त है. पिछले दिनों इस कानून का विरोध करने की कीमत पंजाब प्रांत के गर्वनर सलमान तासीर को अपनी जान दे कर चुकानी पड़ी. इस कानून के तहत मौत की सजा पाने वाली एक ईसाई महिला की रिहाई और ईशनिंदा कानून को बदलने की मांग करने वाले तासीर को उन्हीं के एक सुरक्षा गार्ड ने गोलियों से भून दिया. पोप ने कहा, "पंजाब के गवर्नर की हत्या के बाद इस दिशा में प्रगति और भी जरूरी हो गई है."
उधर रविवार को पाकिस्तान के कराची शहर में लगभग पचास हजार लोगों ने ईशनिंदा कानून में किसी तरह के बदलाव की योजना का विरोध किया. इस कानून को लेकर विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब पूर्व सूचना मंत्री शिरीन रहमान ने नवंबर में संसद में एक विधेयक पेश कर ईशनिंदा कानून में मौत की सजा के प्रावधान को खत्म करने की मांग की. हालांकि पीपीपी के नेतृत्व वाली संघीय सरकार ने यह कहते हुए इस बिल से खुद को अलग कर लिया कि रहमान ने यह विधेयक व्यक्तिगत आधार पर संसद में रखा है. पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून में बदलाव का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार