फिल्म के बाद विज्ञापन पर बवाल
२४ सितम्बर २०१२इसमें जिहादियों को हराने और यहूदियों का साथ देने की बात कही गई है. विज्ञापन की भाषा को लेकर बवाल मचा है. इसमें कहा गया है, "सभ्य और असभ्य लोगों के बीच किसी भी युद्ध में आप सभ्य का साथ दें. इस्रराएल का साथ दें और जिहादियों को हराएं". इस विज्ञापन को अमेरिकन फ्रीडम डिफेंस इनिशिएटिव नाम की संस्था की ओर से जारी किया गया है.
संस्था की प्रमुख पामेला गेलर ने अमेरिकी चैनल सीएनएन से बात करते हुए कहा, "हमने इस तरह के विज्ञापन लगवाए हैं क्योंकि हम उन्हें लगवा सकते हैं." विज्ञापन में असभ्य के लिए अंग्रेजी का "सैवेज" शब्द इस्तेमाल किया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है-- खूंखार या जंगली या बहुत ज्यादा हिंसक.
इस संस्था पर निगाह रखने वाले द साउदर्न पॉवर्टी लॉ सेंटर नाम की संस्था का कहना है कि गेलर इस्लाम विरोधी मुहिम का सबसे अहम और उग्र चेहरा हैं. ये संस्था "स्टॉप इस्लामिजेशन ऑफ अमेरिका" यानी अमेरिका का इस्लामीकरण बंद करो नाम का एक अभियान भी चलाती है.
संस्था ने सैवेज शब्द के इस्तेमाल के प्रयोग को उचित ठहराया है और कहा है कि उसने जिहाद का इस्तेमाल उस धार्मिक युद्ध के लिए किया है जिसमें निर्दोष मारे जा रहे हैं. गेलर का दावा है कि ये विज्ञापन मुसलमानों के खिलाफ नहीं है क्योंकि इसमें कहीं भी मुसलमान या इस्लाम शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. वो कहती हैं, "कोई भी युद्ध जिसमें बेगुनाह मारे जा रहे हैं असभ्य (जंगली) है".
पहले इस विज्ञापन को मेट्रो स्टेशनों पर लगाने से मना कर दिया गया था. न्यूयॉर्क में यातायात का काम देखने वाली संस्था एमटीए (मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी) का कहना था कि विज्ञापन में ऐसी भाषा बदनाम करने के इरादे से लिखी गई थी. बाद में कोर्ट में इस मामले में मुकदमा दायर किया गया. कोर्ट के आदेश के बाद 10 मेट्रो स्टेशनों पर विज्ञापन लगाने की इजाजत दी गई. एमटीए के प्रमुख, एरोन डोनोवन का कहना है, "हम क्या कर सकते हैं. हमारे साथ बंधे हुए हैं". कोर्ट का कहना था कि विज्ञापन लगाने की इजाजत न देना अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन के तहत दी गई अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है. कोर्ट ने एमटीए को उनकी विज्ञापन नीतियों में बदलाव करने की भी नसीहत दी है.
इस बीच इस्लाम विरोधी फिल्म के कारण अमेरिका के खिलाफ पूरी दुनिया में प्रदर्शन जारी है. हालांकि अमेरिका का विदेश मंत्रालय इसको ठंडा करने के लिए विज्ञापन का सहारा ले रहा है लेकिन बात बन नहीं रही है. पाकिस्तान में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने एक विज्ञापन फिल्म में 70 हजार डॉलर खर्च किए हैं. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को इस्लाम विरोधी फिल्म की आलोचना करते हुए दिखाया गया है.
वीडी/एनआर (एएफपी)