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फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में नाइट्रोजन डाला गया

७ अप्रैल २०११

टोक्यो के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को हादसे से बचाने के लिए अब नाइट्रोजन गैस का सहारा लिया गया है. यहां से फैले विकिरण के कारण रेडियोधर्मी बारिश की आशंका से दक्षिण कोरिया के कुछ स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी यानी टेपको के कर्मचारी फुकुशिमा रिएक्टर में हाइड्रोजन विस्फोट को रोकने के लिए नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. परमाणु संयंत्र के रिएक्टर नंबर एक में भारी मात्रा में नाइट्रोजन गैस डाली जा रही है. कुल छह हजार क्यूबिक मीटर नाइट्रोजन गैस डाली जानी है. इस काम में पूरे छह दिन लगेंगे.

जापान सरकार की परमाणु और औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता हिदेहिको निशियामा ने नाइट्रोजन डालने की कार्रवाई को सुरक्षात्मक कदम बताया और तत्काल धमाकों की आशंका से इनकार किया है. इस एजेंसी ने संयंत्र के संचालकों को निर्देश दिया है कि वे रेडियोधर्मी विकिरण की लगातार निगरानी करें और इसके बारे में सभी जानकारी तुरंत लोगों तक पहुंचाई जाए. निशियामा ने यह भी बताया कि रिएक्टर नंबर दो और तीन में भी नाइट्रोजन गैस डाली जाएगी. टेपको ने अनुमान लगाया है कि नंबर एक रिएक्टर के परमाणु इंधन की छड़ें 70 फीसदी तक खत्म हो चुकी हैं. रिएक्टर नंबर 2 और तीन में नुकसान का स्तर 30 और 25 फीसदी है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की अगले हफ्ते के आखिर में टोक्यो जाने की तैयारी कर रही हैं. जापान के क्योटो समाचार एजेंसी ने अमेरिकी कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. अमेरिका ने जापान के लिए भारी मदद भेजी है. फिलहाल वहां अमेरिका के 20,000 कर्मचारी, 140 विमान और 20 जहाज राहत और बचाव के काम में जुटे हुए हैं.

विकिरण की आशंका से कोरियाई स्कूलों में छुट्टी

फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से हो रहे विकिरण के कारण दक्षिण कोरिया के कुछ स्कूलों को बंद करना पड़ा है. गुरुवार को देश के ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई है और बारिश की बूंदों में रेडियोधर्मी विकिरण के अंश मिले हैं. हालांकि परमाणु सुरक्षा एजेंसी ने स्वास्थ्य पर इसका कोई असर पड़ने की आशंका से इनकार किया है. कोरिया के स्कूली शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों के प्रिंसिपल को सलाह दी है कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल कर स्कूलों में छुट्टी और क्लास से बाहर छात्रों की गतिविधियों को जारी रखने का फैसला करें.

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तस्वीर: picture alliance/abaca

बोर्ड से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस बारे में देश भर के स्कूलों को आधिकारिक पत्र भेज दिए गए हैं. पत्र मिलने के बाद सोल और आसपास के इलाकों में मौजूद कुछ स्कूलों ने फिलहाल छुट्टी रखने का फैसला किया है. कोरिया की परमाणु सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि देश के दक्षिणी तटवर्ती इलाकों में बारिश की बूंदों में बहुत मामूली मात्रा में रेडियोधर्मी आयोडिन और कैशियम के कण मिले हैं. दक्षिण कोरिया जापान के सबसे करीब है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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