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बट और आमिर बोले, कोई सबूत नहीं

२ नवम्बर २०१०

स्पॉट फिक्सिंग के आरोप झेल रहे पाकिस्तान के क्रिकेटर मोहम्मद आमिर और सलमान बट ने कहा है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. उनका यह भी आरोप है कि आईसीसी उनके साथ अच्छा नहीं कर रही है.

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सबूत नहीं हैतस्वीर: AP

एक ब्रिटिश अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के स्टिंग ऑपरेशन में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद आईसीसी ने आमिर और बट के साथ मोहम्मद आसिफ को सस्पेंड कर दिया. आमिर और बट ने खुद को सस्पेंड किए जाने के खिलाफ अपील की, लेकिन रविवार को आईसीसी ने इसे खारिज कर दिया. अब उन्हें पूरी सुनवाई के लिए तैयारी करने को कहा गया है. दुबई में आईसीसी की सुनवाई में हिस्सा लेने के बाद बट और आमिर वापस लाहौर पहुंच गए हैं. आसिफ ने पहले ही अपनी अपील वापस ले ली थी.

लाहौर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद पूर्व कप्तान सलमान बट ने कहा, "उनके पास कोई सबूत नहीं है. लगता है कि वे पाकिस्तान को अलग थलग करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके पास न्यूज ऑफ द वर्ल्ड में छपी खबर के सिवा कोई सबूत नहीं है. उन्होंने हमें पूरी सुनवाई तक की तारीख भी नहीं दी है. हम पूरी तरह निराश हैं."

Pakistan Cricket Muhammad Asif
आसिफ पर भी इलजामतस्वीर: AP

ब्रिटिश अखबार में छपी खबर के मुताबिक अगस्त में लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट में आमिर और आसिफ ने जानबूझ कर नो बॉल फेंकी जिसके लिए उन्हें पैसे दिए गए. टीम के कप्तान सलमान बट पर भी इसमें शामिल होने के आरोप लगाए गए.

वहीं आमिर का कहना है कि यह आरोप पाकिस्तान के खिलाफ षडयंत्र हैं. 18 साल के आमिर ने कहा, "मुझे तो लगता है कि यह पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश है. मैं बहुत दुखी हूं. हम चाहते हैं कि सच सामने आए. मैं निराश हूं क्योंकि उन्हें हमारी अपील को खारिज करने की वजह भी हमें नहीं बताई. ऐसा लगता है कि सुनवाई का फैसला पहले से ही तय था."

बट के वकील आफताब गुल ने रविवार को फैसले के बाद कहा कि सुनवाई ठीक तरह से हुई लेकिन वह नतीजे से निराश हैं. अब दोनों खिलाड़ियों को अपने अगले कदम से पहले आईसीसी की नई तारीख का इंतजार है. उधर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुखिया एजाज बट ने कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली की कोशिशों को नुकसान हुआ है. मार्च 2009 में श्रीलंका की टीम पर आतंकवादी हमले के बाद विदेशी टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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