"बड़ी कार वालों के लिए महंगा हो डीजल"
३० नवम्बर २०१०जयराम रमेश का मानना है कि भारत जैसे देश में स्पोर्ट्स कारों का इस्तेमाल सही नहीं है क्योंकि एक तो ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं और फिर ये ईंधन भी ज्यादा खाती हैं. अब उन्होंने कहा है कि बड़ी कारें चलाने वालों को डीजल की पूरी बाजार कीमत देनी चाहिए और सब्सिडी का फायदा सिर्फ किसानों को मिलना चाहिए.
हालांकि रमेश ने यह भी साफ कर दिया कि उनकी इस आलोचना को ऑटो उद्योग के खिलाफ नहीं माना जाना चाहिए. उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि एसयूवी असल में सोशली यूजलेस व्हीकल हैं और भारत जैसे देश में तो इनका इस्तेमाल किसी अपराध से कम नहीं है. रमेश के इस बयान पर ऑटो उद्योग ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. रमेश ने जर्मन कार बीएमडब्ल्यू का नाम ले दिया था इसलिए जर्मनी ने भी उनके बयान पर नाराजगी जताई थी.
लेकिन रमेश अब भी अपनी बात पर कायम हैं. व्यापर और उद्योग संगठन सीआईआई के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, "बड़ी कारें चलाने वालों को सब्सिडी क्यों मिले? यह तो किसानों के लिए है. हम डीजल सब्सिडी को विशेष आर्थिक उद्येश्य के लिए लागू करते हैं लेकिन इसका इस्तेमाल अलग ही तरीके से होता है."
पर्यावरण मंत्री ने साथ ही साफ कर दिया कि उनका इरादा ऑटो उद्योग की वृद्धि को नुकसान पहुंचाना नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की ग्रोथ को नहीं रोकना चाहता. लेकिन जो लोग डीजल कारें चलाना चाहते हैं उन्हें पूरी बाजार कीमत देनी चाहिए. कम कीमत का जो तेल किसानों के लिए है, वो उन्हें क्यों मिले?"
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार