महंगी पड़ी बिन लादेन पर किताब
३१ अगस्त २०१२यह किताब एक पूर्व अमेरिकी नेवी सील ने छद्म नाम से लिखी है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि किताब लिखने वाले के अलावा उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है, जो इसमें सहयोग देंगे. संकेत दिए गए हैं कि किताब की रॉयल्टी सरकारी रकम घोषित की जा सकती है.
किताब मार्क ओवेन नाम से लिखी गई है, जो लेखक का असली नाम नहीं है. पेंटागन ने एक पत्र जारी कर कहा है कि इस नेवी सैनिक ने उन शर्तों पर दस्तखत किए हैं, जिनमें साफ साफ कहा गया है कि वह खुफिया जानकारियों को सार्वजनिक नहीं करेगा. पेंटागन के मुख्य सलाहकार जे जॉनसन ने पत्र में लिखा, "आपने गोपनीयता की शर्तों का उल्लंघन किया है और खुफिया जानकारी सार्वजनिक की है. रक्षा मंत्रालय आपके खिलाफ कार्रवाई करने की सोच रहा है. इस स्थिति को देखते हुए वह उन सब लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सोच रहा है, जो आपके साथ काम कर रहे हैं."
लेखक ने भले ही अपना नाम छिपाने के लिए मार्क ओवेन नाम की चादर ओढ़ ली थी लेकिन किताब पर विवाद होने के साथ ही लेखक का नाम सामने आ गया. यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लेखक के अलावा पेंटागन किन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहता है. इस मामले पर प्रकाशक डटन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह प्रकाशन पेंग्विन पब्लिकेशन समूह का हिस्सा है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे "नो ईजी डे" नाम की इस किताब के बारे में जानकर चौंक गए क्योंकि इसे लिखने और छपवाने से पहले सरकार से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई. पत्र में लिखा गया है कि गोपनीयता शर्तों में इस बात का जिक्र था कि किसी भी चीज को प्रकाशित कराने से पहले सुरक्षा के लिहाज से इसकी जांच कराई जाएगी.
पेंटागन का कहना है कि बेहद खुफिया जानकारियों को सार्वजनिक करना अपराध है और इसके बाद किताब से होने वाली किसी भी तरह की आमदनी पर सरकार का कब्जा होगा. पत्र में यह नहीं लिखा है कि किस तरह की खुफिया जानकारी किताब में लिखी गई है. किताब में लिखा गया है कि मई 2011 में निहत्था ओसामा बिन लादेन जिस वक्त अपने कमरे के दरवाजे से बाहर देख रहा था, उसी वक्त हथियारबंद अमेरिकी सैनिकों ने उसकी खोपड़ी उड़ा दी.
बिन लादेन के मारे जाने को लेकर यह पहली किताब है और इस वजह से इसकी ओर पूरी दुनिया की नजर है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया इसे सुर्खियां बना रहा है और पेंटागन का दावा है कि रिलीज होने से पहले ही इसकी कुछ प्रतियां बाजार में आ चुकी हैं.
रक्षा मंत्रालय के पत्र में लिखा गया, "अगर सार्वजनिक तौर पर और किताबें आएंगी तो शर्तों के उल्लंघन का मामला और भी गहरा होगा."
इससे पहले लेखक ने प्रकाशक के जरिए जारी एक बयान में कहा कि "यह किताब सेना में मेरे साथियों के सम्मान के तौर पर है और मैंने इस बात का खास ख्याल रखा है कि किसी ऐसी गोपनीय जानकारी का जिक्र न किया जाए, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचे."
लेकिन खुफिया ऑपरेशन में शामिल होने वाले कई सैनिकों ने हाल के दिनों में इस किताब पर आपत्ति जताई है और उन्होंने कहा है कि जिस तरह से किताब को लोकप्रियता मिल रही है, उससे उन्हें खेद हो रहा है.
किताब पर विवाद बढ़ने के साथ लेखक की जिंदगी दांव पर लग गई है. अल कायदा ने अपनी वेबसाइट पर पिछले हफ्ते उसकी तस्वीर छापी है और संदेश लिखा है, "इसी कुत्ते ने शहीद ओसामा बिन लादेन की हत्या की है."
एजेए/एमजे (रॉयटर्स, एपी)