1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

राष्ट्रपति की पत्नी बनाम गूगल

११ सितम्बर २०१२

भ्रष्टाचार और गलतबयानी के आरोपों के कारण इस्तीफा देने वाले जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ की पत्नी बेटिना अपने अतीत के बारे में अफवाहों का विरोध कर रही हैं. उन्होंने सर्च इंजन गूगल पर मुकदमा किया है.

https://p.dw.com/p/166pZ
तस्वीर: picture-alliance/dpa

पति को इस्तीफा दिए कुछ महीने बीत चुके हैं. उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो चुका है और बेटिना वुल्फ अब अपने बीते हुए कल के बारे में और अफवाहें पढ़ने के मूड में नहीं हैं. उनके बारे में पिछले सालों में बहुत सी अफवाहें उड़ी हैं. अब वे उसका विरोध कर रही हैं. सितंबर के शुरू में उनके वकील गैरनोट लेयर ने गूगल पर हैम्बर्ग की अदालत में मुकदमा कर गलत तथ्य रोकने को कहा है. मुकदमे का लक्ष्य है कि सर्च इंजन उनका नाम दिए जाने पर उसे ऐसे शब्दों के साथ न जोड़े जो यूजर को गलत साबित हो चुके रिपोर्टों की ओर ले जाए.

गूगल सर्च इंजन में बेटिना वुल्फ का नाम डालने से सजेशन में अपने आप बेटिना वुल्फ एस्कॉर्ट या बेटिना वुल्फ प्रोस्टीट्यूट दिखता है. 38 वर्षीया पूर्व फर्स्ट लेडी के लिए यह बेहद अप्रिय है. लेकिन अब सवाल यह है कि क्या वे गूगल के खिलाफ कुछ हासिल कर पाएंगी. मीडिया कानून के विशेषज्ञ क्रिस्टियान जॉलमेके कहते हैं, "जर्मनी में अदालतों ने इस मुद्दे पर बहुत कम टिप्पणी की है. इसलिए साफ नहीं है कि क्या गूगल पर सजेशन की जिम्मेदारी डाली जा सकती है."

Bettina Wulff Kampf gegen Rotlicht-Gerüchte
अफवाहों का मुकाबलातस्वीर: picture-alliance/dpa

पुरानी अफवाहें

अफवाहें गंभीर हैं. सालों से इंटरनेट प्लेटफॉर्मों और ब्लॉग में कहा जा रहा है कि बेटिना वुल्फ शादी से पहले देह व्यापार से जुड़ी थीं. प्रसिद्ध खोजी पत्रकार हंस लायेनडेकर का कहना है, "अफवाहें 2006 में सीडीयू की तरफ से आईं. वुल्फ के विरोधियों की ओर से. उसके बाद उन्हें इतनी बार दोहराया गया कि फैलाने वालों के लिए वह सच्चाई बन गया."

कुछ साल पहले तक इसके बारे में सिर्फ राजनीतिक हलकों में घूमने वालों को पता था. लेकिन जब क्रिस्टियान वुल्फ राष्ट्रपति बने और पिछले साल मकान खरीदने के लिए कर्ज लेने वाला मामला सामने आया तो पत्रकार गंभीरता से खोज करने लगे. राष्ट्रपति की पत्नी की बीती जिंदगी के बारे में भी चर्चा शुरू हुई हालांकि अखबारों ने कुछ छापा नहीं क्योंकि कोई सबूत नहीं था.

लायेनडेकर कहते हैं, "वुल्फ के आश्चर्यजनक रूप से बहुत से विरोधी थे. 2011 में यह अफवाह पत्रकारों के हलकों में आ गई, जहां हर कोई दूसरे से कहता कि कुछ लिख क्यों नहीं रहे हो." अब यह तय हो चुका है कि इन अफवाहों के पीछे कोई सच्चाई नहीं है.

Großer Zapfenstreich für Christian Wulff 08. März 2012
बीते हुए दिनतस्वीर: picture-alliance/dpa

हंस लायेनडेकर भी इसकी पुष्टि करते हैं, लेकिन साथ ही कहते हैं कि जर्मनी में प्रसिद्ध लोगों की निजी जिंदगी के बारे में रिपोर्ट करने के सिलसिले में एक परिवर्तन सा आया है. लायेनडेकर के अनुसार "उपभोक्ताओं ने शिकारी की मुद्रा अपना ली है. वे हमेशा नई स्टोरी के इंतजार में रहते हैं जो दरअसल इस तरह के विकास को संभव बनाता है."

गूगल सबसे अहम विरोधी

गूगल पर बेटिना वुल्फ के बारे में झूठी कहानियां अभी भी मिलती हैं. जर्मनी की पूर्व फर्स्ट लेडी ने पिछले महीनों में कई ब्लॉगर और ब्लॉग प्लेटफॉर्मों को चेतावनी दी है. उनकी रिपोर्टें डिलीट कर दी गई हैं और अफवाहों को न दुहराने के बयान पर दस्तखत कराए गए हैं. इनमें जर्मनी के स्टार मॉडरेटर गुंटर याउख भी हैं. अब गूगल की बारी है. वुल्फ परिवार के नजरिए से सबसे बड़ा विरोधी. मीडिया मामलों के वकील जॉलमेके का कहना है, "गूगल सबके केंद्र में है. यदि गूगल इंडेक्स से कुछ शब्दों को बाहर निकाल लिया जाता है, जो बार बार वही गैरकानूनी नतीजे देती हैं, तो यह बड़ी जीत होगी."

Wulff / Merkel / Wulff
अंगेला मैर्केल के साथ वुल्फ दंपत्तितस्वीर: dapd

बेटिना वुल्फ पहली शख्सियत नहीं हैं जो गूगल के खिलाफ विरोध कर रहा है. फ्रांस में चार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने गूगल पर परोक्ष रूप से नस्लवाद का आरोप लगाया था क्योंकि राष्ट्रपति ओलांद का नाम डालने पर सजेशन में ओलांद यहूदी आता है. अंत में समझौता हो गया. 2009 में गूगल को एक बिजली कंपनी के मामले में अलगोरिथम में बदलाव करना पड़ा था क्योंकि डायरेक्ट एनर्जी का नाम गूगल करने पर उसके साथ सजेशन में धोखेबाज शब्द आता था. एक जापानी को भी अपना नाम एक अपराध के साथ जोड़े जाने को रोकने में सफलता मिली. क्या बेटिना वुल्फ को भी इस बात में सफलता मिलेगी कि उनका नाम गूगल एस्कॉर्ट या इस तरह के शब्दों के साथ नहीं जोड़ेगा.

बेटिना वुल्फ इसी महीने एक किताब जारी कर रही हैं, जिसमें उन्होंने आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है और फर्स्ट लेडी के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में जानकारी दी है. बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि वे गूगल पर मुकदमे के जरिए अपनी किताब का प्रचार कर रही हैं.

पत्रकार लायेनडेकर का कहना है कि वे कई मामलों में पीड़ित हैं. उनका बेटा अब गूगल कर सकता है. मां का नाम देने से एस्कॉर्ट शब्द आता है. लायेनडेकर कहते हैं, "ये अच्छा नहीं है." मुकदमे के जरिए अब सबको अफवाहों के बारे में पता चल गया है. लायेनडेकर गूगल को दोषी मानते हैं. उनका कहना है प्रेस स्वतंत्रता का मतलब कीचड़ उछालना नहीं है.

रिपोर्ट: आर्ने लिष्टेनबर्ग/एमजे

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें