लीबिया में 30 हजार तक मौतों का अंदेशाः अमेरिका
२८ अप्रैल २०११राजदूत गेने क्रेत्स ने वॉशिंगटन में बताया कि लीबिया में 10 से 30 हजार लोगों के मरने का अनुमान है. लेकिन लड़ाई खत्म होने तक यह तय करना मुश्किल है कि असल में वहां कितनी जानों का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, "हमें बराबर रिपोर्टें मिल रही हैं. यहां तक कि त्रिपोली और देश के पश्चिमी हिस्सों में समुद्री तटों पर लाशें मिली हैं. यह सब खत्म होने तक नहीं कहा जा सकता कि कितने बड़े पैमाने पर खूनखराबा हुआ है."
क्रेत्स ने कहा कि इस बात के कोई संकेत नजर नहीं आते कि कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की सरकार अपने घोषित युद्धविराम पर अमल करने को तैयार है क्योंकि सरकारी बल विद्रोहियों के कब्जे वाले मिसराता शहर पर बराबर बमबारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "गद्दाफी और उनके सैनिक हिंसा और खूनखराबे को रोकने का कोई इरादा नहीं रखते. हालिया दिनों के दावों के बावजूद सरकारी बल मिसराता में बराबर अत्याचार कर रहे हैं." क्रेत्स ने कहा कि पूर्वी लीबिया के अच्छे खासे हिस्से पर नियंत्रण करने वाली विपक्षी लीबियाई राष्ट्रीय परिषद ने जो एक अस्थायी सरकार बनाई है, उसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलनी चाहिए.
विद्रोहियों से तेल खरीदेंगे
इस बीच अमेरिकी सरकार ने अपनी तेल कंपनियों को लीबियाई विद्रोहियों से तेल खरीदने की मंजूरी दे दी है. इस तरह ओबामा प्रशासन ने प्रतिबंधों में ढील देते हुए विद्रोहियों की आर्थिक मदद का तरीका निकाला है. लेकिन विद्रोहियों से होने वाले कारोबारी लेन देन के बारे में अमेरिकी वित्त मंत्रालय को पूरी जानकारी देनी होगी और यह साबित करना होगा कि इससे लीबियाई सरकार या उससे जुड़े लोगों को किसी तरह का फायदा न पहुंचे.
गद्दाफी को सत्ता से बाहर करने के लिए जूझ रही लीबियाई राष्ट्रीय परिषद ने अमेरिकी सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उसके बयान में कहा गया है, "लीबिया के लोग बहादुर हैं और डटे रहेंगे, लेकिन उनके खाने, सुरक्षा और अपने परिवारों की रक्षा के लिए हमें तेल से मिलने वाला राजस्व चाहिए. यह रकम एक भावी और स्थिर देश की स्थापना के लिए बहुत जरूरी है. हम अपने निर्यात पर प्रतिबंधों में ढील देने के अमेरिकी सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं."
गद्दाफी गद्दी छोड़ो
उधर लीबिया के 61 कबीलों ने गद्दाफी से सत्ता छोड़ने को कहा है. फ्रांसीसी लेखक बैर्नार्ड हेनरी लेवी के जरिए जारी एक साझा बयान में कहा गया है, "देश की एकता पर संकट मंडरा रहा है. तानाशाह और उसके परिवार की ओर से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार के बावजूद हम घोषणा करते हैं कि हमें कोई नहीं बांट सकता. हम स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और एकजुट लीबिया का समर्थन करते हैं. एक बार तानाशाह के चले जाने के बाद कल का लीबिया, एकजुट लीबिया होगा जिसकी राजधानी त्रिपोली ही होगी. फिर हम अपनी इच्छा से नागरिक समाज बना पाएंगे."
लेवी लीबिया में जारी विद्रोह के पैरिस में अनाधिकारिक प्रवक्ता बन गए हैं और वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी पर दबाव डाल रहे हैं कि विद्रोहियों की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और सैन्य समर्थन जुटाया जाए.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह