विकिरण के डर से टोक्यो के बाजार में पानी खत्म
२४ मार्च २०११अब फुकुशिमा परमाणु बिजली घर से निकलने वाला विकिरण सब्जियों, दूध, नल के पानी और समुद्र के पानी तक पहुंच चुका है. अमेरिका ने जापान से आने वाली दूध से बनी और अन्य चीजें प्रतिबंध लगा दिया है. दक्षिण कोरिया और चीन समेत कुछ अन्य देश भी ऐसा ही कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं.
जापान में दो हफ्ते पहले भूकंप और फिर सूनामी की तबाही ने अब तक 9400 लोगों की जान ले ली है जबकि 14,700 से ज्यादा लोग लापता हैं. यह आपदा अब तक की सबसे महंगी आपदा साबित हुई है. इससे होने वाले नुकसान की कीमत 309 अरब डॉलर यानी लगभग डेढ़ हजार अरब रुपये से भी ज्यादा होने की आशंका है.
खाने पीने की चीजों में विकिरण मिलने से सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है. नागरिकों के चेहरों पर दहशत साफ देखी जा सकती है. दो छोटे बच्चों की मां एत्सुको नोमुरा ने कहा, "यह बहुत भयानक बात है. यह परमाणु संकट का कुचक्र है. हमारा दूध और सब्जियां तो पहले ही संक्रमित हो चुकी थीं, अब पानी में भी विकिरण पहुंच गए हैं. मैं तो सोच रही हूं कि आगे क्या होगा."
टोक्यो और आसपास के शहरों में दुकानों पर पानी बेचा जा रहा है. एक स्टोर के क्लर्क तोरू किकुताका ने बताया कि हर व्यक्ति को दो लीटर की दो बोतलों से ज्यादा पानी नहीं दिया जा रहा है लेकिन सारा पानी देखते ही देखते बिकता जा रहा है. किकुताका ने कहा कि उन्होंने आज तक कभी ऐसे हालात नहीं देखे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार