समलैंगिकों के पीछे पड़ा एक अखबार
१ नवम्बर २०१०द रोलिंग स्टोन अखबार की मुख्य खबर का शीर्षक हैः मेन ऑफ शेम यानी शर्मसार कर देने वाले आदमी. इसके तहत 14 आदमियों के बारे में बताया गया है. अखबार ने लिखा है कि ये लोग देश में समलैंगिक आंदोलन की अगुआई कर रहे हैं.
अखबार के संपादक गिलेस मुहामे ने बताया कि खबर छापने से पहले इन लोगों से कोई संपर्क नहीं किया गया. उन्होंने कहा, "इन लोगों ने अपनी तस्वीरें एक समलैंगिक नेटवर्किंग साइट पर लगाई थीं. यही सबूत हमारे लिए काफी था."
मुहामे ने बताया कि इन लोगों के नाम और शहर के बारे में जानकारी दी गई है. अखबार ने पहले भी 15 ऐसे लोगों की जानकारियां छापी थीं और एक धार्मिक नेता के हवाले से इन लोगों को फांसी दिए जाने की मांग की थी. अखबार ने इस धार्मिक नेता का नाम भी नहीं बताया. हालांकि सोमवार को ऐसी कोई बात नहीं की गई.
अखबार ने समलैंगिकता के खिलाफ छेड़ी इस मुहिम को सही ठहराने के लिए एक लेख भी लिखा है. संपादकीय लेख में मुहामे ने लिखा है, "बेदर्द समलैंगिकों का एक समूह बच्चों की भर्तियां कर रहा है और उनका मांइडवॉश कर रहा है." समचार एजेंसी एएफपी से उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जो साबित कर सकें कि ये 14 लोग भी ऐसे किसी गिरोह का हिस्सा हैं. लेकिन मुहामे मानते हैं कि इन लोगों का पर्दाफाश खबर तो बनती है.
हालांकि देश में सभी लोग उनसे सहमत नहीं हैं. समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़ने वाला एक स्थानीय समूह हाई कोर्ट में अपील करने वाला है कि अखबार को ऐसी सामग्री के प्रकाशन से रोका जाए.
समलैंगिकता के लिए यूगांडा में उम्रकैद तक हो सकती है. 2009 में एक सांसद ने बिल पेश किया था जिसमें इस अपराध के लिए मौत को अधिकतम सजा बनाने की बात कही गई थी. इस बिल का स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध हुआ था. इसे अभी औपचारिक तौर पर संसद में बहस के लिए नहीं रखा गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन