सीरिया को ओआईसी से निकाले जाने के संकेत
१६ अगस्त २०१२मक्का में हो रही शिखर बैठक में आज सीरिया को ओआईसी की सदस्यता से निलंबित करने पर अंतिम फैसला होगा. ट्यूनिशिया के राष्ट्रपति मोंसेफ मार्जूकी ने राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन के खिलाफ कड़े कदमों की मांग की है. उनका देश एक साल पहले अरब वसंत के बाद लोकतांत्रिक रास्ते पर चला है. उन्होंने कहा, "इलाके में तानाशाहों के खिलाफ ऐतिहासिक क्रांतियों के बाद हम अरब और उनके नेताओं के रूप में मानवाधिकारों और आजादी का और हनन स्वीकार नहीं कर सकते."
इस्लामी देशों के संगठन की शिखर भेंट में 57 सदस्य भाग ले रहे हैं. सीरिया को संगठन से हटाने के लिए दो तिहाई सदस्यों का समर्थन जरूरी है. सीरिया ने अपना कोई प्रतिनिधि बैठक के लिए नहीं भेजा है. अब तक सिर्फ ईरान और अल्जीरिया इस प्रस्ताव के विरोध में है. ईरान सीरिया का निकट सहयोगी और समर्थक है. सउदी अरब सीरिया में विद्रोह का समर्थन कर रहा है और ओआईसी में उसका ही दबदबा है. यदि सीरिया को संगठन से निकाल दिया जाता है और असद सरकार और अलग थलग हो जाएगी.
शिखर सम्मेलन के उद्घाटन पर सउदी अरब के शाह अब्दुल्लाह ने सीरिया में हिंसा को देखते हुए इस्लाम की विभिन्न धाराओं के बीच संवाद के लिए एक सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा, "यह बंटवारा इस्लामी समुदाय के बेटों में खून खराबे का कारण बन रहा है." उन्होंने कहा कि इस तरह का सेंटर सुन्नी और शिया संप्रदाय में एकता को बढ़ावा दे सकता है. सउदी अरब सुन्नी बहुमत देश है जबकि ईरान शिया बहुमत वाला है.
इस बीच अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह सीरिया विवाद में हस्तक्षेप न करे. अमेरिका के रक्षा मंत्री लियोन पनेटा ने वाशिंगटन में कहा, "हमारी उम्मीद है कि ईरान अच्छी तरह से सोचेगा कि वह मामले में कितना उलझता है." उन्होंने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि तेहरान सीरिया के भविष्य को तय करने की कोशिश न करे. पनेटा का कहना है कि ईरान इस समय सीरिया में सरकारी सैनिकों के साथ लड़ने के लिए छापामार गुट बनाने और उन्हें ट्रेनिंग देने की कोशिश कर रहा है.
सीरिया से भागकर विपक्ष के मिल गए पूर्व प्रधानमंत्री रियाद हिजब ने कहा है कि असद सरकार के दिन गिने चुने हैं. उन्होंने असद शासन के विघटन को नैतिक, वित्तीय और सैन्य बताया है. सुन्नी नेता हिजब ने कहा कि असद शासन का देश के सिर्फ 30 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण है. हिजब देश से भागने से पहले पहले तक प्रधानमंत्री थे.
शिखर भेंट में पास की जाने वाली समापन घोषणा में सीरिया को निलंबित करने की वजह शांति योजना के विफल होने को बताया गया है. इसकी वजह से सीरिया दूत कोफी अन्नान ने मध्यस्थ की भूमिका से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही कहा गया है कि सीरियाई नेतृत्व अभी भी विवाद पर काबू पाने के लिए सिर्फ सैनिक विकल्प का इस्तेमाल कर रहा है. राष्ट्रपति असद से हिंसा तुरंत रोकने की मांग की गई है.
सीरिया की सेना राजधानी दमिश्क के कुछ हिस्सों के अलावा आर्थिक शहर अलेपो, होम्स और दूसरी जगहों पर हथियारबंद विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही है. इसमें लड़ाकू विमानों, टैंकों और तोप का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. सीरिया के विद्रोही पिछले 17 महीनों से राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन के खिलाफ लड़ रहे हैं.
एमजे/एएम (डीपीए, एएफपी)