सूने पड़े जापान के शहर
२४ मार्च २०११टोक्यो के बीचो बीच बने इम्पिरियल होटल में इंतजार है लोगों का. मद्धम रोशनी में बंद से इस होटल में स्टाफ के 15 लोग हैं. जो लोगों का इंतजार तो कर रहे हैं लेकिन जानते हैं कि कोई नहीं आएगा.
सूनामी के बाद से ही टोक्यो के होटेल खाली पड़े हुए हैं. कुछ को बंद करना पड़ा. स्थानीय लोग अपने अपने घरों में हैं. बैठकें, कॉन्फ्रेंस रेडिएशन के डर से स्थगित या निलंबित कर दी गई हैं. इम्पिरियल होटल के पब्लिक रिलेशन प्रमुख उको कोमात्सुजाकी कहते हैं, "11 मार्च से सब बदल गया. सेमिनार, कार्यक्रम, रिजर्वेशन सब लोगों ने रद्द कर दिए. खासकर विदेशी लोगों के रिजर्वेशन. सामान्य तौर पर हम 80 फीसदी बुक रहते हैं लेकिन फिलहाल इसके आधे लोग यहां हैं. विदेशियों को रेडियोक्टिव विकिरण की चिंता है."
टोक्यो से 250 किलोमीटर दूर उत्तरपूर्व में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में रेडियोएक्टिव विकिरण के हवा और पानी में मिलने के कारण देश ही में नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा हो गई है.
सामान्य तौर पर जापान में यह चेरी के खूबसूरत फूल खिलने का समय है और पर्यटकों के पसंद का मौसम भी. कई महीनों की प्लानिंग के कारण शादियां तो हो रही हैं लेकिन दिल शाद नहीं. समारोह में आने वाले लोगों की संख्या भी कम है क्योंकि या तो यात्रा करना संभव नहीं या फिर वह उत्तर पूर्वी जापान के लोगों की मदद में लगे हुए हैं. टोक्यो के मारुनोची जिले का शांगरी ला होटेल 16 अप्रैल तक बंद रखा गया है और इसके 300 कर्मचारियों को वैतनिक अवकाश पर रखा गया है. इस होटल की प्रवक्ता ने बताया, "हमें महसूस हुआ कि ट्रांसपोर्ट, ब्लैकआउट्स के चलते हम अपनी सामान्य सेवाएं नहीं दे सकेंगे."
ग्रैंड हयात, पार्क हयात, न्यू ओटानी, मैंडरीन ओरिएन्टल ने भी अपने रेस्टोरेंट और बार बंद कर दिए हैं.
सभी होटलों को बिजली बचानी जरूरी है. टोक्यो के अधिकतर होटेल विदेशी पर्यटकों पर चलते हैं और यूरोपीय, अमेरिकी यात्री ही सबसे पहले गए. फ्रेंच एजेंसी के मैनेजर क्लॉडे सॉलिरे कहते हैं," 2011 बहुत अच्छे साल के तौर पर उभर रहा था. पर्यटकों की संख्या तेजी से ऊपर जा रही थी. लेकिन हालात अब बहुत ही खराब है. वसंत में आने वाले 90 फीसदी लोगों ने जापान आना रद्द कर दिया होगा."
उधर जापान पुलिस ने नए आंकड़े जारी करते हुए सूनामी में मारे गए लोगों की संख्या 9,700 बताई है. 16 हजार से ज्यादा लोग अब भी लापता है. पुलिस ने आशंका जताई है कि मियागी में ही 15 हजार के करीब लोग मारे गए हो सकते हैं.
बुधवार सुबह समाचार थे कि टोक्यो के आस पास के इलाकों में भी पानी में रेडियोएक्टिव आयोडिन पाया गया है. जबकि कुछ समय बाद टोक्यो शहर के अधिकारियों ने कहा कि पानी में विकिरण की मात्रा स्वास्थ्य के लिए अब खतरा नहीं है. बुधवार को टोक्यो में बच्चों को नल का पानी नहीं देने की सलाह जारी की गई. रेडिएशन के कारण अमेरिका सहित कई देशों ने जापान से कुछ खाद्य पदार्थों का आयात फिलहाल रोक दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ओ सिंह