हटने को तैयार मुबारक पर देश की फिक्र
४ फ़रवरी २०११उधर मिस्र के प्रधानमंत्री अहमद शफीक गृह मंत्रालय से शुक्रवार को बुलाई गई शांतिपूर्ण रैली में बाधा न डालने को कहा है. प्रदर्शनकारियों ने इस रैली को विदाई का शुक्रवार नाम दिया है. आयोजक उम्मीद कर रहे हैं कि इस रैली में 10 लाख से ज्यादा लोग जमा होंगे.
तीन दशक से राष्ट्रपति पद पर बैठे 82 साल के राष्ट्रपति मुबारक ने कहा कि वह पद पर बने रहने से तंग आ चुके हैं और अब छुट्टी चाहते हैं लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकते. मुबारक ने कहा कि उन्हें डर है कि उनके हटते ही उनके देश में अव्यवस्था फैल जाएगी. मुबारक ने काहिरा में एबीसी टेलीविजन से बातचीत की.
मिस्र में मुबारक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक दौर में पहुंच चुके हैं. प्रदर्शन के 10वें दिन मुबारक के विरोधियों और समर्थकों के बीच गोलीबारी हुई. देश के उप राष्ट्रपति सुलेमान ने बुधवार शाम एक टेलीविजन संदेश में प्रदर्शनकारियों से शांत रहने और अपने घर वापस जाने की अपील की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुबारक को हटाने की मांग करना अव्यवस्था को दावत देने जैसा है.
हालांकि मंगलवार को ही मुबारक ने एलान किया था कि वह सितंबर में होने वाले चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन उन्होंने फौरन गद्दी छोड़ने से इनकार कर दिया था. इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मुझे परवाह नहीं कि लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं. इस वक्त मुझे सिर्फ अपने देश की फिक्र है. मुझे मिस्र की फिक्र है. कल की घटनाओं से मुझे बहुत दुख पहुंचा. मैं अपने देश के लोगों को लड़ते हुए नहीं देख सकता."
इंटरव्यू लेने वाली एबीसी की रिपोर्टर क्रिस्टियान अमानपुर ने कहा, "उन्होंने (मुबारक ने) मुझे बताया कि उन्हें तहरीर चौक पर हुई हिंसा से काफी दुख पहुंचा है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए उनकी सरकार जिम्मेदार नहीं है. इसके बजाय उन्होंने प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड पर आरोप लगाए."
जब मुबारक से पूछा गया कि वह इस वक्त क्या सोच रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, "मैं खुद को बहुत मजबूत महसूस कर रहा हूं. मैं कभी नहीं भागूंगा. मैं मिस्र की धरती पर ही मरूंगा."
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मुबारक सरकार और विपक्ष से बातचीत की अपील की है. अब तक विपक्ष बातचीत से इनकार करता रहा है. क्लिंटन ने कहा, "मैं सरकार और मिस्र के विपक्षी दलों के नुमाइंदों, जिम्मेदार नागरिकों और राजनीतिक धड़ों से अपील करती हूं कि वे फौरन बातचीत करें ताकि एक शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण तक पहुंचा जा सके."
इस बीच बर्लिन में जर्मन राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ के साथ भेंट के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने मिस्र में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की निंदा की है. मून ने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सभा की आजादी की पूरी गारंटी होनी चाहिए." मिस्र में पत्रकारों पर भी हमले हुए हैं जिसकी दुनियाभर में आलोचना हो रही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा