हुस्नी मुबारक ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया
११ फ़रवरी २०११देश का कामकाज सैन्य परिषद को सौंप दिया गया है.
शुक्रवार को दिन चढ़ने के साथ साथ हुस्नी मुबारक पर दबाव भी बढ़ता जा रहा था. आखिरकार उन्होंने दोपहर को राजधानी काहिरा छोड़ देने का फैसला किया और शर्म अल शेख चले गए. इससे कुछ घंटों बाद ही सुलेमान के जरिए मुबारक ने इस्तीफे का एलान कर दिया. हालांकि इसके लिए वह खुद टीवी पर नहीं आए.
इससे पहले सेना ने मिस्र की जनता को भरोसा दिलाया कि देश में लोकतांत्रिक बदलाव जरूर होंगे. फिर भी काहिरा में जमा जनता यह बात सुनने को तैयार नहीं दिखी. जुमे की नमाज के बाद लाखों लोग तहरीर चौक पर जमा हो गए और उन्होंने आक्रोश दिवस का एलान किया.
मिस्र की ताकतवर सेना ने 25 जनवरी से शुरू हुए जनांदोलन के बाद से ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का फैसला किया जिसका अंजाम राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक की विदाई के साथ सामने आया.
मुबारक ने इससे पहले के टीवी संदेश में कहा था कि वह सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे और उन्होंने 30 साल में पहली बार उमर सुलेमान के रूप में उप राष्ट्रपति की नियुक्ति की. लेकिन विरोध करने वाले इतने भर से खुश नहीं हुए.
गुरुवार को मुबारक एक बार फिर राष्ट्रीय टीवी पर संदेश देते दिखे लेकिन अमेरिका और खुद मिस्र के लोगों की उम्मीदों के विपरीत पद छोड़ने से इनकार कर दिया.
इसके बाद शुक्रवार को 18 दिन से चला आ रहा विरोध प्रदर्शन चरम पर पहुंच गए जिसके बाद मुबारक ने पहले राजधानी छोड़ी और फिर गद्दी भी. उनके काहिरा से जाने के बाद ही कयास लग रहे थे कि अब वह शीर्ष पद भी छोड़ देंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार