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अजरबैजान ने जीता यूरोविजन

१५ मई २०११

सफेद पोशाक और सुनहरे बालों वाली निगार जमाल अचानक बड़ी गायिका बन गई हैं. एलदार गासिमोव अचानक बड़े गायक बन गए हैं. दुनिया के सबसे बड़े संगीत कंप्टीशन यूरोविजन जीतने वाली यह जोड़ी अजरबैजान की है.

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तस्वीर: dapd

जर्मनी के शहर डुसेलडॉर्फ में वोटिंग के नतीजे आते जा रहे थे और अजरबैजान के अंक बढ़ते जा रहे थे. आखिरी के कुछ देश बचे, तो जमाल और गासिमोव बेचैन हो उठे. अभी दो देशों के वोट बाकी ही थे कि उन्होंने विजयी बढ़त बना ली. दो बेटियों की मां 30 साल की जमाल इस मौके पर शायद अपनी बच्चियों से भी छोटी बन गईं. वह अविश्वास में कभी आंखें बंद कर लेतीं तो कभी भाग कर एक किनारे से दूसरे किनारे चली जातीं. अभी उन्हें स्टेज पर बुलाया भी नहीं गया कि वह दौड़ती भागती अपनी टीम से कहीं आगे निकल कर स्टेज पर पहुंच गईं.

उनके साथी 21 साल के गायक गासिमोव ने जर्मन शहर डुसेलडॉर्फ के स्टेडियम में आयोजित इस समारोह में थोड़ी देर तो संयम बनाए रखने में कामयाब रहे. लेकिन फिर उनकी आंखों से भी आंसू छलक आए. उनके मुंह से बस इतना ही निकला, "मैं आज इस संसार का सबसे खुश इंसान हूं."

पिछली विजेता जर्मनी की लेना मायर इस बार फिसड्डी साबित हुईं और 10वें नंबर पर ही रहीं. उन्होंने जगमगाते स्टेज पर अजरबैजान की जोड़ी को चमचमाता खिताब सौंपा. जज्बातों में बह चुकी जमाल इस कप को उठाने के बाद इसे चूमने लगीं और जमीन पर घुटनों के बल बैठ गईं. उन्होंने बार बार वोटिंग करने वाले लोगों का शुक्रिया अदा किया.

अलग अंदाज

25 देशों के इस मुकाबले में यह एकमात्र युगल जोड़ी थी और सदस्य देशों के लोगों ने इसे खूब पसंद किया. स्टेज पर जमाल और गासिमोव बेहद सहज दिख रहे थे और उन्होंने रनिंग स्केयर्ड गाने को बखूबी पेश किया. इस जोड़ी ने सफेद पोशाक पहन रखी थी, जो दूसरे प्रतियोगियों से इन्हें अलग करता था. रोमांटिक गाने में दोनों गायकों की शानदार केमेस्ट्री देखने को मिली और दर्शक दम साधे उन्हें देखते रह गए. जमाल और गासिमोव की जोड़ी एल/निकी की जोड़ी है.

सभी देशों से उन्हें वोट मिले. इस जोड़ी को कुल 221 अंक मिले, जो दूसरे नंबर पर रहे इटली से 32 अंक ज्यादा थे. तीसरे नंबर पर स्वीडन रहा, जिसे 185 अंक मिले. जर्मनी की लेना को सिर्फ 107 अंक मिले.

Deutschland Musik ESC 2011 Eurovision Song Contest Finale Aserbaidschan Ell/Nikki Pokal
तस्वीर: dapd

नया नया अजरबैजान

अजरबैजान ने सिर्फ चार साल पहले इस प्रतिष्ठित मुकाबले में पहली बार कदम रखा है. इस जीत के बाद राजधानी बाकू में उत्सव सा माहौल छा गया. उस वक्त वहां तड़के लगभग साढ़े तीन बज रहे थे लेकिन लोग बाजारों और सड़कों पर निकल आए. उन्होंने एक दूसरे को मुबारकबाद दी. अब अगला यूरोविजन अजरबैजान की राजधानी बाकू में होगा.

करीब 90 लाख आबादी वाला अजरबैजान की ज्यादातर आबादी मुस्लिम है लेकिन संवैधानिक तौर पर यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है. इस साल की विजेता निगार जमाल अजरबैजान की हैं लेकिन पिछले कुछ सालों से ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रह रही हैं. 30 साल की जमाल शादी शुदा हैं और उनकी दो बेटियां हैं. दूसरे प्रतियोगी 21 साल के गासिमोव इंटरनेशनल स्टडीज पढ़ चुके हैं और अजबैजानी भाषा के अलावा धड़ल्ले से इंग्लिश और जर्मन भी बोलते हैं.

अद्भुत वोटिंग सिस्टम

इस प्रतियोगिता में ज्यादातर यूरोप के देश हिस्सा लेते हैं. वोटिंग का सिस्टम बिलकुल अलग है. कोई भी देश या वहां के लोग अपने देश के प्रतियोगी के लिए वोट नहीं कर सकते हैं. वे सिर्फ दूसरे देशों के लिए वोट कर सकते हैं. कोई भी देश 10 देशों को 1 से 12 अंकों तक दे सकता है. आधे वोट जनता के एसएमएस से आते हैं और आधे अंक ज्यूरी मेंबर तय करते हैं.

हालांकि इस बार की वोटिंग के दौरान देखा गया कि ज्यादातर देशों ने अपने पड़ोसी मुल्कों के लिए वोट किए. यहां तक कि रूस ने भी सबसे ज्यादा अंक जॉर्जिया और उक्रेन की टीमों को दिए. अजरबैजान भी पूर्व सोवियत संघ से अलग हुआ देश है.

यूरोप और बाहर

अनुमान है कि इस बार के यूरोविजन को पूरी दुनिया के लगभग 10 करोड़ लोगों ने लाइव देखा. अजरबैजान यूरोपीय संघ में तो शामिल नहीं ही है, इसे पूरी तरह से यूरोप का भी अंग नहीं माना जाता है. यह कॉकसेस में स्थित देश है, जो मध्य एशिया में आता है. अजरबैजान ने पहली बार यह खिताब जीता है. हालांकि यूरोपीय संघ से अलग इस्राएल और तुर्की भी इस प्रतियोगिता में भाग लेते आए हैं.

56 साल से चल रही यह प्रतियोगिता यूरोप में बेहद लोकप्रिय है. जर्मनी में आयोजित इस मुकाबले को देखने पहली विजेता स्विट्जरलैंड की लिस आसिया भी मौजूद थीं. उन्होंने 1956 में यह खिताब जीता था. आयरलैंड सबसे ज्यादा सात बार यूरोविजन जीत चुका है, जबकि फ्रांस, लक्जमबर्ग और ब्रिटेन ने पांच पांच बार इस पर कब्जा जमाया है.

1974 में स्वीडन के अब्बा ग्रुप ने इस खिताब को जीता था, जो बेहद लोकप्रिय बैंड बना. 1988 में सेलिन डोएन ने यूरोविजन जीता. वह भी काफी मशहूर हुईं.

इस बार के मुकाबले में इटली दूसरे नंबर पर रहा, जबकि स्वीडन तीसरे नंबर पर.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

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