ईयू ने फूंकी यूरो जोन में नई जान
२१ जुलाई २०११शुक्रवार को हुए यूरोजोन सम्मलेन में तय हुआ कि बुरी अर्थव्यवस्था से जूझ रहे देशों को कम ब्याज दर पर मदद दी जाए. इसमें ग्रीस, आयरलैंड और पुर्तगाल जैसे देश शामिल हैं. ब्रसल्स में यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के उच्च अधिकारियों के बीच सम्मलेन में तय किया गया कि इन देशों की ऋण चुकाने की समय सीमा को भी बढ़ा दिया जाए. सम्मलेन में जो प्रस्ताव तैयार किया गया, उसके अनुसार अब इन देशों को 7.5 साल की जगह 15 साल में ऋण चुकाना होगा और ब्याज दर 4.5 फीसदी की जगह 3.5 प्रतिशत होगी. इस खबर के आते ही यूरो के दाम में बढ़ोतरी देखी गई.
ग्रीस और आयरलैंड लम्बे समय से ऐसे बदलावों की मांग कर रहे थे. आर्थिक संकट से गुजर रहे इन देशों के अनुसार यूरोजोन की शर्तें अब तक बहुत कड़ी थीं और उन शर्तों के चलते आर्थिक सुधार मुश्किल था. यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मई 2010 में ग्रीस को 110 अरब यूरो का राहत पैकैज देने का फैसला किया, लेकिन ग्रीस के लिए यह नाकाफी साबित हो रहा है. इसीलिए अब दूसरे राहत पैकेज की चर्चा चल रही है. नया पैकेज 100 अरब यूरो का आंका जा रहा है. इसमें से निजी बैंकों का योगदान 30 अरब यूरो का हो सकता है.
इससे पहले बुधवार को बर्लिन में देर रात तक चली बैठक में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और यूरोपियन सेन्ट्रल बैंक के अध्यक्ष ज्यों क्लोद त्रिशे राहत पैकेज को लेकर आम सहमति पर पहुंचे. गुरुवार को ब्रसल्स पहुंच कर मैर्केल ने कहा, "मैं उम्मीद करती हूं कि हम एक नया ग्रीस प्रोग्राम बना पाएंगे. यह एक अहम संकेत है. और इस प्रोग्राम के जरिए हम समस्या को जड़ से उखाड़ना चाहते हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादनः ए जमाल