चुप क्यों हैं राहुल और सोनिया: बीजेपी
१० जून २०११तंज कसते हुए बीजेपी के प्रवक्ता और महासचिव जेपी नंदा ने कहा, "भट्टा परसौल के किसानों पर हुई पुलिस की ज्यादती का मुद्दा सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उठाया. लेकिन रामलीला मैदान में लाचार लोगों पर बर्बर ढंग से हुई पुलिसिया कार्रवाई का मुद्दा उठाने में उन्होंने ऐसा उत्साह नहीं दिखाया. यह राजनीतिक योग्यता और आम लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति उनके नजरिए को दर्शाता है."
बीजेपी ने कांग्रेस पर दोहरे व्यवहार का भी आरोप लगाया. पार्टी प्रवक्ता ने कहा, "वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी शिष्टमंडल को बातचीत के लिए बुलाते हैं तो गृह मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री सख्ती और पुलिसिया कार्रवाई का रास्ता अपनाने की वकालत करते हैं."
पिछले हफ्ते शनिवार को बाबा रामदेव दिल्ली के रामलीला मैदान पर आमरण अनशन पर बैठे. शुक्रवार और शनिवार को केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने उनसे बातचीत भी की. लेकिन शनिवार रात अचानक एक बजे नाटकीय ढंग से पुलिस ने रामलीला मैदान को जबरन खाली करा दिया. आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज किया. आंसू गैस के गोले भी दागे गए.
कार्रवाई के बाद से केंद्र सरकार आलोचनाओं के घेरे में है. हालांकि गृह मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि बाबा रामदेव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. अब रामदेव भी 11,000 लोगों की सशस्त्र सेना बनाने की बात कहकर आलोचनाओं के पात्र बन गए है.
सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी बीजेपी हालांकि यह नहीं बता पा रही है कि जब केंद्र में एनडीए की सरकार थी तो काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम क्यों नहीं उठाए गए. कर्नाटक और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बीजेपी की सरकारें और मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं. लेकिन पार्टी अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के आंदोलनों से अपनी राजनीतिक खिचड़ी पका रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा