भज्जी के छक्के से जीता मुंबई
२६ मई २०११इस हार के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स का सपना एक बार फिर टूट गया और आखिरी चार में जगह बनाने के बाद भी वह खिताबी मुकाबले में नहीं जा पाया. हालांकि सौरव गांगुली का दौर खत्म होने के बाद टीम ने इस बार अच्छा प्रदर्शन जरूर किया. दूसरी तरफ मुंबई की जीत ने एक बार फिर पिछले साल के फाइनल जैसी संभावना पैदा कर दी है. अगर वे बैंगलोर से अगला मुकाबला जीत जाते हैं, तो फाइनल चेन्नई और मुंबई के बीच ही खेला जाएगा.
वानखेड़े स्टेडियम की छोटी बाउंड्री वाले मैदान में 148 रन के आसान लक्ष्य का पीछा कर रही मुंबई की टीम ने शुरुआत धमाकेदार की. ओपनर बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और बिना किसी अंतरराष्ट्रीय तजुर्बे वाले आइजन ब्लिजार्ड ने पहले विकेट की साझीदारी में आठ ओवर के अंदर 81 रन जोड़ दिए. सचिन ने 36 जबकि ब्लिजार्ड ने सिर्फ 30 गेंद में 51 रन लूट लिए. लेकिन इसके बाद विकेट गिरने का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि टीम भारी दवाब में आ गई.
123 रन पर जब मुंबई का पांचवां विकेट गिरा तो बल्लेबाज के नाम पर टीम में शामिल सभी क्रिकेटर पैवेलियन लौट चुके थे. कोलकाता एक बड़ा उलटफेर कर देने वाली स्थिति में आ चुका था. ऊपर से रन बनाने की गति जैसे थम सी गई. 15 से 19 ओवर के बीच पांच ओवर में सिर्फ 27 रन बने और आखिरी ओवर में सात रन बनाने की चुनौती थी. ट्वेंटी 20 मैच में वैसे तो यह कुछ भी नहीं, लेकिन टीम जिस तरह के दबाव में आ गई थी, उससे यह मुश्किल ही लग रहा था.
एक तरफ संभल कर खेल रहे फ्रैंकलिन थे तो दूसरी तरफ हरभजन सिंह. आखिरी ओवर की पहली गेंद पर फ्रैंकलिन ने एक रन लेकर स्ट्राइक भज्जी को दे दी. साकिब अल हसन अच्छी गेंदें फेंक रहे थे और हरभजन का दबाव में आना स्वाभाविक था. लेकिन अगली गेंद पर उन्होंने आगे निकल कर लंबा शॉट खेल दिया. गेंद बहुत दूर जाकर गिरी, बाउंड्री के पार. भज्जी ने उछल कर दहाड़ लगाई.
साकिब का चेहरा झुक गया. कोलकाता टीम के कप्तान गौतम गंभीर का मुंह खुला रह गया और पैविलियिन में बैठे सचिन तेंदुलकर के चेहरे पर मुस्कान छा गई. आउट होने के बाद भी सचिन ने पैड नहीं उतारा था और वह उसी हालत में दौड़ कर मैदान पर उतर आए. उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों को गले लगा लिया. मुश्किल से ही सही, मुंबई की टीम ने मैच चार विकेट से जीत लिया. भज्जी के छक्के की मदद से टीम ने 19.2 ओवर में 148 रन बना लिए.
इस मैच में दो अनजान चेहरों ने अपनी पहचान बनाई. मुंबई के ब्लिजार्ड के अलावा कोलकाता की ओर से खेल रहे रेयान टेन डोएशाटे का जलवा बिखरा. टेन डोएशाटे ने कोलकाता की ओर से सबसे ज्यादा 70 रन बनाए, जिसकी मदद से गंभीर की टीम 147 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाने में कामयाब रही.
इस जीत के बाद मुंबई का फाइनल में खेलने की संभावना बनी हुई है. उन्हें अगले प्ले ऑफ में 27 मई को चेन्नई में बैंगलोर की टीम से भिड़ना होगा, जो पहले प्ले ऑफ में आईपीएल की सबसे सफल टीम चेन्नई सुपर किंग्स से हार गई थी. मुंबई और बैंगलोर में होने वाले उस मैच की विजेता टीम शनिवार को चेन्नई में 28 मई को फाइनल खेलेगी. चेन्नई चारों बार आईपीएल के सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली इकलौती टीम है. वह तीन बार फाइनल में पहुंच चुकी है और मौजूदा चैंपियन है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एस गौड़