माराडोना को कोच के पद से हटाया गया
२८ जुलाई २०१०माराडोना और अर्जेंटीना फुटबॉल संघ के अध्यक्ष जूलियो ग्रोंनडोना के बीच सोमवार को कई घंटों तक बातचीत हुई. बातचीत बेहद तनावपूर्ण रही. फौरन कोई एलान नहीं हुआ और कहा गया कि फैसला मंगलवार को होगा. इसके बाद से ही यह अटकलें तेज हो गई थी कि माराडोना को अर्जेंटीना के कोच के पद से हटाया जा सकता है.
मंगलवार को अखबारों की अटकलबाजी सही साबित हुई. अर्जेंटीना फुटबॉल संघ के प्रवक्ता एर्नेस्टो चेरक्विस बिआलो ने कहा, ''यह आधिकारिक एलान है कि माराडोना अब अर्जेंटीना के कोच नहीं बने रहेंगे.'' फुटबॉल संघ की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने बहुमत से माराडोना को हटाने का फैसला किया.
हालांकि वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल से बाहर होने के बाद माराडोना के समर्थन में टीम के ज्यादातर खिलाड़ी आए. खिलाड़ियों ने फुटबॉल संघ से माराडोना का कार्यकाल बढा़ने की अपील की. लेकिन ये कोशिशें भी नाकाम साबित हुई. एक्जीक्यूटिव कमेटी ने माराडोना को एक अनुभवहीन कोच माना.
वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन में अर्जेंटीना की बुरी गत का भी हवाला दिया गया. कुछ अधिकारियों ने कहा कि डेढ़ साल के भीतर माराडोना कोई बड़ा बदलाव नहीं कर पाए. जर्मनी के हाथों में 4-0 की बुरी हार ने जख्मों को और कुरेद दिया. उन्होंन जर्मनी के हाथों मिली हार को अपनी जिंदगी का सबसे खराब दिन बताया. लेकिन इसके बावजूद जब टीम वापस घर लौटी तो उसका जोरदार स्वागत हुआ.
फुटबॉल जगत के सबसे महान खिलाड़ियों में गिने जाने वाले माराडोना की कोच के तौर पर वापसी बुझी बुझी ही रही. वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने टीम के लिए जान झोंक दी लेकिन एक नतीजे ने माराडोना के दिल और पटरी पर लौटते जीवन को एक बार फिर बिखेर सा दिया है.
अर्जेंटीना को अकेले दम पर 1986 का वर्ल्ड कप जिताने वाले माराडोना ड्रग्स और नशे की लत से बाहर निकलकर कोचिंग करने लौटे थे. लेकिन अब कोचिंग की कहानी का पहला अध्याय खत्म हो चुका है. चर्चाएं अब इस बात को लेकर हो रही हैं कि अर्जेंटीना का नया कोच कौन होगा. लोग इस बात पर भी खूब किस्सेबाजी कर रहे हैं कि क्या भावुक माराडोना इस झटके से उबर पाएंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़