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"सहवाग के पास हर चीज का जवाब है"

१० नवम्बर २०१०

दक्षिणी अफ्रीकी टीम को 2008 के भारत दौरे में अगर किसी खिलाड़ी ने परेशान किया तो वह थे वीरेंद्र सहवाग. टीम के पूर्व कोच मिकी आर्थर ने अपनी किताब में उस दौरे को और सहवाग के तिहरे शतक वाली पारी को याद किया है.

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वीरेंद्र सहवागतस्वीर: AP

सोमवार को बाजार में आई इस किताब में आर्थर ने लिखा है कि सहवाग के पास हर चीज का जवाब है. उन्होंने लिखा है, "हमने जो भी कोशिश की, सहवाग ने उसका जवाब दिया. उनके पास हर चीज का जवाब था. जब हमने अपनी रणनीति बदली तो उन्होंने अपनी बदल ली. वह हमेशा हमसे एक कदम आगे चल रहे थे."

Virender Sehwag
तस्वीर: AP

आर्थर लिखते हैं कि उन्होंने चेन्नै टेस्ट में सहवाग की पारी की एक एक गेंद देखी फिर भी उन्हें उस पारी के कुछ हिस्सों पर यकीन नहीं होता. उन्होंने लिखा है, "सहवाग ने 319 गेंदों में 304 रन बनाए. कुछ अर्धशतक तो 25 या 30 गेंदों में बने और शायद उनका तीसरा सैकड़ा तो महज 84 गेंदों में बना."

आर्थर ने बताया है कि कैसे सहवाग ने उनकी रणनीति को धूल में उड़ा दिया. किताब में आर्थर कहते हैं, "मैं इस पहेली को हल करने के लिए लगातार दिमाग चला रहा था. लेकिन जब तक मैं कुछ करने की सोचता तब तक सहवाग और 70 रन लगा देते. मुझे लगा था कि हम एक वर्ल्ड रिकॉर्ड देखेंगे. जिस तरह वह खेल रहे थे उनके पास तो 500 रन बनाने का वक्त था."

लेकिन सहवाग की इस पारी को अगले दिन सुबह ही खत्म कर दिया गया. इसके बारे में भी आर्थर ने विस्तार से बताया है. उन्होंने लिखा है, "रात को मैंने एक और योजना बनाई. मैंने सोचा कि सहवाग बाउंसर नहीं बल्कि शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंद के सामने कमजोर पड़ सकते हैं."

आर्थर कहते हैं कि हो सकता है सहवाग का आउट होना बस एक चांस हो लेकिन मखाया नतिनी ने अगली सुबह उन्हें फंसा ही लिया. आर्थर कहते हैं, "अगली सुबह नतिनी ने उन्हें क्रीज पर फंसा लिया. बाकी वक्त तक उन्हें फ्रंट फुट पर आने का मौका नहीं मिला और फिर उन्होंने एक गेंद खेल ही दी. यह हमारे लिए काम कर गया. उसके बाद वह हमारे खिलाफ और ज्यादा तिहरे शतक नहीं बना पाए."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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