अहमदाबाद, बैंगलोर, चेन्नई हैं भविष्य के शहर
१६ अक्टूबर २०१०इस लिस्ट में दुनिया के उन 19 शहरों को शामिल किया गया है जो अगले दशक के लिए ताकत के उभरते हुए केंद्र हैं. यह वो दशक है जब दुनिया में भारत और चीन की अर्थव्यवस्था का दबदबा बढ़ने जा रहा है. फोर्ब्स ने अगले दशक के तेजी से बढ़ने वाले शहरों की सूची में पहले से स्थापित शहरों को शामिल नहीं किया है. इसमें वे शहर भी नहीं जो पिछले दो दशकों में बड़े शहरों के नाम से कुख्यात रहे हैं और जहां की ज्यादा आबादी ने शहरी ढांचे की हालत बिगाड़ रखी है.
दिलचस्प है कि दुनिया के 19 नए उभरते शहरों में तीन भारत के और चार चीन के हैं. फोर्ब्स ने लिखा है, "भारत ऐसा योजना बनाकर तो नहीं कर रहा लेकिन फिर भी किसी जमाने में बंद और पारंपरिक समझे जाने वाले शहर आगे बढ़ रहे हैं. भारत के तेजी से बढ़ने वाले शहरो में बैंगलोर, अहमदाबाद, चेन्नई है." इनमें बैंगलोर इन्फोसिस और विप्रो का घर है तो अहमदाबाद की प्रति व्यक्ति आय भारत से दोगुनी है. और चेन्नई ने इस साल एक लाख नए लोगों को नौकरी दी है. भारत में कार सॉफ्टवेयर बनाने के साथ ही मनोरंजन की दुनिया के बड़े नाम इन शहरों में अपना कारोबार जमा रहे हैं.
फोर्ब्स के मुताबिक, "अगले दशक में शहरी ताकत के केंद्र न्यूयॉर्क और मुंबई जैसे शहर न होकर चीन के चॉन्गिंग, चिली का सैन्टियागो, ऑस्टिन और टेक्सास जैसे शहर होंगे."
इस लिस्ट में कई दशकों से राज करते आए न्यूयॉर्क, लंदन, पैरिस, हॉ्न्गकॉन्ग, टोक्यो जैसे स्थापित शहरों को स्थान नहीं दिया गया है. न ही मुंबई, मेक्सिको सिटी, ढाका जैसे उन शहरों को जो भारी जनसंख्या के कारण मुश्किलों में फंसे हुए हैं.
इस लिस्ट में शामिल दूसरे शहर हैं, चेंगडू, चॉन्गिंग, सुझाऊ, नान्जिंग, सैन्टियागो, तेल अवीव, कुआलालंपुर, ऑस्टिन, कैम्पिनास, मेलबर्न, सॉल्ट लेक सिटी, हनोई और आबू धाबी. फोर्ब्स ने शिकागो, बर्लिन और ओसाका कोबे क्योटो को दुनिया के सिकुड़ते शहरों की सूची में शामिल किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार