जर्मन रक्षा मंत्री गुटेनबर्ग का इस्तीफा
१ मार्च २०११जर्मन रक्षा मंत्रालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री कार्ल थेओडोर त्सू गुटेनबर्ग ने कहा कि वे अपने सभी राजनीतिक पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके जरिए वे राजनीतिक नुकसान को टालना चाहते हैं. उन पर आरोप था कि उन्होंने डॉक्टरेट की अपनी थीसिस में व्यापक रूप से नकल की है. गलती स्वीकार करते हुए गुटेनबर्ग ने डॉक्टरेट की उपाधि त्याग दी थी. बायरॉयथ विश्वविद्यालय ने इसकी परवाह किए बिना उनकी उपाधि छीन ली. लेकिन गुटेनबर्ग इस बात से इनकार करते रहे कि उन्होंने जान बूझकर नकल की है.
गुटेनबर्ग का वक्तव्य
अपने वक्तव्य में रक्षा मंत्री पूर्व डॉक्टर कार्ल थेओडोर त्सू गुटेनबर्ग ने कहा कि वे सिर्फ डॉक्टरेट की अपनी थीसिस में गलती की वजह से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. उनकी राय में वर्तमान हालत में वे खुद अपनी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सकते हैं. खासकर पिछले हफ्तों के दौरान सार्वजनिक बहस उनके व्यक्तित्व पर केंद्रित रही है, और जर्मन सेना के मसले आंखों से ओझल होते जा रहे हैं. गुटेनबर्ग ने इस सिलसिले में कहा, "अगर सैनिकों की पीठ पर सिर्फ मेरे बारे में बात की जाती है, तो मैं ऐसा नहीं होने दे सकता हूं."
राजनीति और विज्ञान जगत के मूर्धन्य लोगों की ओर से गुटेनबर्ग पर हमले तेज हो गए थे. चांसलर की पार्टी सीडीयू के ही वरिष्ठ नेता और सैक्सनी राज्य के मुख्यमंत्री कुर्ट बीडेनकोप्फ ने अंगेला मैर्केल के इस वक्तव्य की कड़ी आलोचना की कि उन्होंने किसी वैज्ञानिक सहकारी नहीं, बल्कि एक मंत्री को नियुक्त किया है. बीडेनकोप्फ ने कहा कि पद नहीं, व्यक्ति का मूल्यांकन किया जाता है. और किसी व्यक्ति को बांटकर नहीं देखा जाता. उन्होंने कहा कि यह प्रकरण राजनीतिक जगत की विश्वसनीयता के लिए ताबूत में एक कील की तरह है.
राजनीति और विज्ञान जगत की बेचैनी
संसद के उपाध्यक्ष वोल्फगांग थीरजे ने भी अंगेला मैर्केल की आलोचना करते हुए कहा कि चांसलर का यह सोचना एक भयानक गलती है कि गुटेनबर्ग की धोखाधड़ी और बौद्धिक चोरी से रक्षा मंत्री के उनके पद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले से विज्ञान के स्थल के रूप में जर्मनी की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है.
राजनीतिज्ञों के अलावा पिछले 24 घंटों में जर्मनी के शिक्षा जगत से भी आलोचना के स्वर अत्यंत तीखे हो चुके थे. गुटेनबर्ग के इस्तीफे की मांग करने वालों में शामिल हो चुके थे बॉन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर युर्गेन फोरमान्न व बायरॉयथ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के प्रोफेसर लेप्सियुस. गुटेनबर्ग के गाइड रह चुके रिटायर्ड प्रोफेसर हैबरले ने भी इस बीच गुटेनबर्ग की आलोचना की है. विज्ञान की संस्था हेल्महोल्त्ज सोसायटी के अध्यक्ष युर्गेन म्लीनेक ने नकल के इस प्रकरण के साथ निपटने के तरीके की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि नकल को हल्के ढंग से देखते हुए की जा रही सार्वजनिक बहस पर उन्हें गहरी चिंता है. उन्होंने कहा कि विज्ञान के साथ पूर्ण सत्य, विश्वसनीयता और ईमानदारी जुड़े होते हैं.
गुटेनबर्ग ने इस्तीफा दे दिया. लेकिन चांसलर अंगेला मैर्केल को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के बाद.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ए कुमार